प्रमोद सिन्हा/खंडवा: भारतीय सिनेमा जगत के प्रतिष्ठित कलाकार दिलीप कुमार के निधन से पूरा देश शोक में है. एक परिवार मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में भी है, जो उनके निधन से बेहद आहात है. हम बात कर रहे हैं खंडवा के शर्मा परिवार की जो दिलीप कुमार के काफी करीबी है. 


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क्या है इस परिवार से नाता
बात 1958 की है, जब खंडवा और इंदौर के बीच बलवाड़ा रेलवे स्टेशन के पास घने जंगलों में गंगा-जमुना फिल्म की शूटिंग हुई थी. इस शूटिंग के दौरान बड़वाडा स्टेशन के स्टेशन मास्टर आनंदीलाल शर्मा थे. आनंदीलाल शर्मा ने ना केवल दिलीप कुमार को पूरी सुविधा मुहैया करवाई बल्कि उन्हें 4 महीने अपने साथ ही खुद के मकान में रखा.  


दिलीप कुमार को बदलनी पड़ी थी यह आदत
खास बात यह रही कि दिलीप कुमार मांसाहारी थे और आनंदीलाल शर्मा पूरी तरह शाकाहारी. शर्मा के आग्रह पर दिलीप कुमार ने इस दौरान मांसाहार को त्याग दिया और शाकाहारी बन कर साथ रहे.


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जंगलों के बीच बसे इस लोकेशन में रहने की कोई सुविधा नहीं थी और ना ही आस पास कोई गांव था. दिलीप कुमार तो फिल्म शूटिंग करके चले गए, लेकिन आनंदीलाल शर्मा के साथ उनका रिश्ता उनकी मृत्यु तक रहा. आज आनंदीलाल शर्मा तो नहीं है रहे लेकिन दिलीप कुमार की यादें हमेशा इस परिवार में गूंजती रही हैं.


आनंदीलाल शर्मा के बेटे सुशील शर्मा बताते हैं कि फिल्म की शूटिंग होने के बाद जब इसकी फिल्म प्रोसेसिंग होने के लिए लंदन गई. तब लाइट पड़ जाने के कारण पूरी फिल्म खराब हो गई. लगभग 1 साल बाद इस फिल्म की शूटिंग दोबारा इसी स्थान पर करनी पड़ी. उस समय भी पूरी यूनिट दिलीप कुमार साहब के साथ इसी स्थान पर आई.


इस दौरान फिर 2 महीने तक दिलीप कुमार स्टेशन मास्टर आनंदीलाल शर्मा के मेहमान बने. इस तरह 4 महीने तक स्टेशन मास्टर आनंदीलाल शर्मा और दिलीप कुमार के बीच गहरा दोस्ताना रिश्ता कायम हो गया, जो लंबे समय तक चला. जब भी आनंदीलाल मुंबई जाते थे तब दिलीप कुमार साहब से उनकी  मुलाकात होती थी. दिलीप कुमार और आनंदीलाल शर्मा का यह रिश्ता 1994 में शर्मा की मृत्यु तक चला. दिलीप कुमार साहब के साथ उनकी यादें आज भी शर्मा परिवार में गूंजती रहती हैं. जिसके चलते आज पूरा शर्मा परिवार शोक में है. 


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