आंखों के लिएं गंभीर खतरा ब्लैक फंगस की रोकथाम के लिए MP में रोडमैप तैयार, लगेगा देश का पहला म्यूकर माइकोसिस यूनिट
सीएम ने कहा कि जो लोग आर्थिक रूप से कमजोर हैं उनके इलाज नि:शुल्क हो इसके लिए सरकार पूरा प्रयास करेगी.चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और हमीदिया अस्पताल के डॉक्टरों ने अमेरिका के वरिष्ठ संक्रामक बीमारी के चिकित्सा विशेषज्ञ से चर्चा की.
भोपाल: इंदौर,भोपाल समेत जबलपुर में ब्लैक फंगल इंफेक्शन पहुंच चुका है. इन तीनों जिलों में इस फंगस की पुष्टि हो चुकी है. अब तुक लगभग 50 मामले भी सामने आ चुके हैं. जिसे देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए इसके इलाज के लिए प्रोटोकॉल तैयार करने को कहा है.
सीएम शिवराज ने बुधवार को अधिकारियों के साथ बैठक की और कहा कि ब्लैक फंगल इंफेक्शन लोगों के शरीर के अंदर प्रवेश कर रहा है. जिसके कारण उनके नाक, मुंह, दांत, आंख, मस्तिष्क और बाकी अंग संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं.
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उन्होंने प्रदेश में हुई इस संक्रमण के मरीजों के बारे में भी बात की और कहा मरीजों को प्रोटोकॉल के अनुसार इलाज मिलना अवश्यक है. साथ ही उन्होंने इस इंफेक्शन की शुरुआत होने पर ही ध्यान देने को कहा.
गरीबों का होगा मुफ्त इलाज
सीएम शिवराज ने कहा कि इस बीमारी का इलाज महंगा है. इसलिए सरकार मरीजों का इलाज करवाने में पूरा सहयोग करेगी. सीएम ने कहा कि जो लोग आर्थिक रूप से कमजोर हैं उनके इलाज नि:शुल्क हो इसके लिए सरकार पूरा प्रयास करेगी.
इंफेक्शन से लड़ने के लिए इन जिलों में लगेगा म्यूकर माइकोसिस यूनिट
बता दें कि इस संबंध में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और हमीदिया अस्पताल के डॉक्टरों ने अमेरिका के वरिष्ठ संक्रामक बीमारी के चिकित्सा विशेषज्ञ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बुधवार को चर्चा की. इस दौरान इस बीमारी के कारण, फैलने का कारण, इसके लक्षण और उपचार के बारे में गंभीर बातचीत हुई. सारंग ने बताया कि भोपाल और जबलपुर में देश के पहला म्यूकर यूनिट की स्थापना की जाएगी.
सारंग ने बताया कि इस बीमारी की रोकथाम के लिए तैयारी की जा रही है. साथ ही उन्होंने बताया कि इस बीमारी से पीड़ित कई मरीजों की सर्जरी कर इंन्फेक्टेड अंगों को निकालना पड़ रहा है. उनमें से ज्यादातर मरीज डायबिटिक हैं.
क्या है ब्लैक फंगस?
ICMR के मुताबिक ये एक तरह का दुर्लभ फंगल इंफेक्शन है. जो शरीर में ये बहुत तेजी से फैलता है. इससे आंखों की रोशनी चली जाती है. जबकि कई मामलों में लोगों की मौत भी हो रही है.
किन लोगों को है खतरा?
कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों में ये संक्रमण तेजी से फैल रहा है.
कोरोना से ठीक हुए मरीजों को खास ध्यान रखने की जरूरत है.
जिन मरीजों को डायबिटीज है उनमें शुगर लेवल अगर बढ़ जाए तो ये इंफेक्शन जानलेवा हो जाता है.
फंगस के लक्षण
नाक से काला कफ जैसा तरल पदार्थ निकलता है.
आंख नाक के पास लालिमा के साथ दर्द होता है.
सांस लेने में तकलीफ होती है.
खून की उल्टी होने के साथ सिर दर्द और बुखार होता है.
चेहरे में दर्द और सूजन का एहसास होता है.
दांतों और जबड़ों में ताकत कम महसूस होती है.
कई मरीजों को धुंधला दिखाई देता है.
मरीजों को सीने में दर्द होता है.
स्थिति बेहद खराब होने की स्थिति में मरीज बेहोश हो जाता है.
इसके अलावा प्रीडिस्पोजीशन अनियंत्रित डायबिटीज स्टेरॉयड द्वारा इम्युनोसुप्रेशन बदली मानसिक स्थिति लंबे समय तक आईसीयू में रहना वोरिकोनाजोल थेरेपी की वजह से भी ब्लैक फंगस होने की संभावनाएं बहुत ज़्यादा बढ़ जाती है.
दांतों में ढीलापन महसूस होना मसूढ़ों में तेज दर्द होना.
छाती में दर्द सांस लेने में तकलीफ होना भी शामिल है.