Unemployment in China: चीन के सामने एक विकट समस्या आकर खड़ी हो गई है. यहां के युवा आए दिन अपना आपा खो रहे हैं और हिंसक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. चिंतित सरकार ने इससे बचने के लिए प्रोत्साहन पैकेज अनाउंस किया है.
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China Youth Problems: चीन की नीतियों ने उसे व्यापार के क्षेत्र में दुनिया पर राज कराया. अर्थव्यवस्था में भारी तेजी दी लेकिन लगता है चीन अब उस सुनहरे दौर से बाहर होता जा रहा है. बीते कुछ समय से चीन की अर्थव्यवस्था में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. अब तो इस गिरावट का असर चीनी लोगों पर और यहां के सामाजिक ताने-बाने पर साफ नजर आने लगा है. सबसे ज्यादा नुकसान चीन का युवा वर्ग झेल रहा है, जो मजबूर होकर अब अपना आपा खोने लगा है.
डिप्रेशन में जा रहे युवा
अर्थव्यवस्था में गिरावट के चलते चीन में नौकरियों का भारी संकट पैदा हो गया है. युवा बेरोजगार हैं और जिनके पास रोजगार है भी वे मनपसंद काम और सैलरी ना मिलने से अवसाद में हैं. इसके चलते समाज में एक तरह की हताशा हावी होने लगी है. युवा डिप्रेशन में जा रहे हैं और आपा खो रहे हैं. वे हिंसक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. साथ ही सड़क पर उतरकर विरोध भी कर रहे हैं.
सरेआम कर रहे हत्याएं
हाल ही में पूर्वी चीन में नौकरी से परेशान युवक ने भीड़ पर चाकू से हमला कर दिया और 8 लोगों को मार डाला. इस घटना में 17 लोग भी घायल हुए. ऐसी ही एक अन्य घटना में 35 लोगों की मौत हो गई. इसमें 43 लोग घायल हुए थे. जिसमें दक्षिणी चीन के झुहाई में एक व्यक्ति ने भीड़ को अपनी कार से रौंद दिया था. यानी कि हालिया घटनाओं में ही चीन में 48 लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए. जांच-पड़ताल में सामने आया इन घटनाओं को अंजाम देने वाले युवा डिप्रेशन, रोजगार जैसी समस्याओं से लगातार परेशान थे और ऐसे एक्स्ट्रीम कदम उठा बैठे.
हर सेक्टर में गिरावट, सरकार ने की प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा
आलम यह है कि कभी आर्थिक प्रगति के चरम पर रहा चीन अब हर क्षेत्र में गिरावट देख रहा है. यहां आवास से लेकर मैन्युफैक्चरिंग तक हर सेक्टर में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है. स्थिति यहां तक पहुंच गई है कि चीन की सरकार 5 फीसदी की विकास दर को हासिल करने के लिए जद्दोजहद कर रही है. इसके चलते हाल ही में चीन की सरकार ने अगले 5 साल के लिए 1.4 ट्रिलियन डॉलर के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की है. यह पैकेज इतना बड़ा है कि भारत की कुल अर्थव्यवस्था (3.5 ट्रिलियन डॉलर) का करीब 40 फीसदी है.
हालांकि जानकारों का कहना है कि अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए सरकार ने जो राहत पैकेज की घोषणा की है वो भी पर्याप्त नहीं है. लिहाजा सरकार को और बड़ा पैकेज जारी करना चाहिए.