उमरिया: उमरिया जिले के बस स्टैंड में पिछले 6 दिनों से रैन बसेरे पर जीवन व्यतीत करने वाले 80 वर्षीय बुजुर्ग की भूख से मौत हो गई. घटना की सूचना पर कोतवाली पुलिस मर्ग करते हुए वृद्ध की मौत का कारण भूख को माना है. जिसके बाद अब जिले के जिम्मेदार अधिकारी मामले पर पर्दा डालने का भरसक प्रयास करने में जुटे हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दरअसल, उमरिया बस स्टैंड पर बने रैन बसेरे मे बीते दिनों से कटनी निवासी 80 वर्षीय बुजुर्ग बाबूलाल सिंह आकर रहने लगा था. जिसके बाद उसकी तबीयत खराब हुई और बिना सहारे के बुजुर्ग तीन दिनों से बिना खाय पिये पड़ा रहा. अंततः रैन बसेरे मे उसकी मौत हो गई. घटना की सूचना पर कोतवाली पुलिस ने मर्ग कायम कर विवेचना और अपने मर्ग में यह बात लिखी की वृद्ध की मौत भूख के कारण से हुई है, जबकि जिले के दो बड़े अधिकारियों ने भूख से मौत के कारण को सिरे से नकार दिया है. हालांकि वृद्ध की मौत ने जिला प्रशासन की दावों की पोल खोलकर कर रख दी है, जहां एक सरकारी रिकॉर्ड भूख से मौत होना बता रहा है वहीं जिम्मेदार मौत का कारण बीमारी और नशे को मान रहे हैं.




इस मामले में बस संचालक अनिल सिंह ने बताया है कि उसने लाचार और गरीब वृद्ध की सूचना पहले से ही सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से लोगों तक पहुंचाई थी, लेकिन समाज सेवा का चोला ओढ़कर इस वास्तविक जरूरतमंद की तरफ किसी की नजरें नहीं पड़ी, केवल भीड़ की तरफ ही सबका ध्यान रहा. एक किलो अनाज के बदले पांच-पांच फोटो खिचवाने में लगे रहे. वृद्ध भूख से तड़पता रहा और लोग अपनी राजनैतिक रोटियां सेंकते रहे. 


इस मामले में एसडीएम बांधवगढ़, उमरिया नीरज खरे का कहना है कि भूख से मरने का सवाल ही नही है, क्योंकि रैन बसेरे के बगल से नपा की दीनदयाल रसोई है जहां भूखों को खाना खिलाया जाता है. पीएम रिपोर्ट के बाद सच्चाई सामने जाएगी.


वहीं एसडीएम की हां में हां मिलाते पुलिस भी नजर आई. एसडीओपी भारती जाट ने बताया कि मृतक के परिवार वालों ने बताया है कि यह बीमार रहते थे और नशा करते थे, इसी कारण से वृद्ध की मौत हुई है. भूख से मरने का सवाल ही पैदा नहीं होता है. हालांकि पुलिस ने मर्ग में भूख से मरने का कारण बताया है.


WATCH LIVE TV