Temple Puja Rules: भगवान को करना है प्रसन्न ? जानिए मंदिर में पूजा के 7 विशेष नियम
Rules For Puja In Temple: अगर आप मंदिर जाकर पूजा करते हैं तो निश्चित तौर पर आपको मंदिर में पूजा से जुड़े कुछ नियमों की जानकारी होनी चाहिए. आज हम आपको इसी से जुड़े 7 विशेष नियम की जानकारी जे रहे हैं.
मंदिर में पूजा के नियम
निश्चित तौर पर हर सनातनी कभी ना कभी मंदिर जाता होगा. हालांकि, हिंदू धर्म में पूजा को लेकर कोई सख्त नियम नहीं है. लोगों की जैसे मन होता है वो अपने भगवान की उसी तरह से पूजा करते हैं. हालांकि, सभी तरह की पूजा में कुछ ना कुछ तो नियम होते हैं जिन्हें फॉलो करने से अच्छे फल मिल सकते हैं. आइये जानें 7 विशेष नियम.
स्नान | Bath
मंदिर में पूजा करने जाने से पहले स्नान जरूर करें. गंदे वस्त्र, शौच आदि के बाद मंदिर ना जाएं इससे आप पाप के भागी बन सकते हैं.
प्रवेश | Entry
जब आप मंदिर में घुस रहे होते हैं तो अंदर पैर रखने से पहले फर्श को छूकर प्रणाम करें. इसके बाद दाहिना पैर मंदिर में रखें.
मूर्ति | statue
मंदिर के भगवान की मूर्ति की प्रशंसा करें. मूर्ति की श्रंगार से ज्यादा उसकी आंखों और चेहरे को देखें आपको अलग एनर्जी फील होगी.
क्षमा | Apologize
भगवान की पूजा और प्रसाद चढ़ाने के बाद क्षमा मांगनी चाहिए. इससे पूजा के दौरान हुए दोष मिट जाते हैं. भगवान प्रसन्न होते हैं.
जल पात्र | Jal Patra
मंदिर ले जाए गए लोटा या थाली को भरकर रखें. अभिषेक नहीं होता तो जल को प्रांगण के किसी पेड़ पर डाल दें.
खाली पात्र | Khali Patra
मंदिर में ले जाए गए बर्तन खाली नहीं लौटा लाना चाहिए. इसमें मंदिर से कुछ प्रसाद, फूल या चरणामृत जरूर रखें.
प्रसाद बांटे | Prasad
मंदिर में प्रसाद जरूर चढ़ाएं और इस प्रसाद को खुद भी खाएं और लोगों में भी बांटे. इससे बरकत आती है.
डिस्क्लेमर | Disclaimer
मंदिर में पूजा के नियम (Rules For Worship In Temple) को लेकर यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं/प्रवचन और प्रचलित परंपराओं पर आधारित हैं. इसे लेकर हम किसी तरह की वैदिक पुष्टि नहीं करते हैं और ना ही इस संबंध में कोई दावा करते हैं. इससे जुड़ी और जानकारी के लिए आप संबंधित विशेषज्ञ से मिल सकते हैं.