16 या 17 अक्टूबर कब है शरद पूर्णिमा? रात में जरूर करें ये काम, मां लक्ष्मी होंगी मेहरबान
Sharad Purnima 2024 Date: हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है. इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है और खीर बनाकर चांद की रोशनी में रखी जाती है. मान्यता है कि इस रात चंद्रमा की किरणें अमृत की वर्षा करती हैं और खीर अमृत के समान हो जाती है. आइए जानते हैं इस साल शरद पूर्णिमा कब है.
हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है. शरद पूर्णिमा का पावन पर्व शारदीय नवरात्रि के बाद आता है. इस वजह से भी शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है. इस साल शरद पूर्णिमा कब है और शरद पूर्णिमा की रात क्या उपाय करने चाहिए, आइए एस्ट्रोलॉजर डॉ. रुचिका अरोड़ा से जानते हैं.
कब है शरद पूर्णिमा
इस वर्ष शरद पूर्णिमा का पावन पर्व 16 अक्टूबर को मनाया जाएगा. इस दिन देवी लक्ष्मी को गाय के दूध में बनी चावल की खीर का भोग लगाया जाता है.
शरद पूर्णिमा शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि 16 अक्टूबर को रात्रि 08 बजकर 40 मिनट पर प्रारंभ होगी. यह तिथि अगले दिन यानि 17 अक्टूबर को शाम 04 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगी.
शरद पूर्णिमा की रात जरुर करें ये काम
मान्यता है कि इस रात चंद्रमा की किरणें अमृत बरसाती हैं और खीर अमृत के समान होती है. धार्मिक महत्व के अलावा शरद पूर्णिमा अपने स्वास्थ्य लाभों के लिए भी जानी जाती है. इस दिन कुछ खास उपाय करने चाहिए.
शरद पूर्णिमा की रात को गाय के दूध में घी मिलाकर खीर बनाएं. भगवान को खीर का भोग लगाएं और भगवान कृष्ण की विधिवत पूजा करें. आधी रात को जब चंद्रमा उदय हो जाए तो चंद्रदेव की पूजा करें. खीर को चांद की रोशनी में रखें और सुबह इसका सेवन करें.
शरद पूर्णिमा की रात को देवी लक्ष्मी की पूजा करें. घी का बड़ा दीपक जलाएं और देवी को पीली कौड़ियां अर्पित करें. अगले दिन इन कौड़ियों को उठाकर तिजोरी में रख दें. मान्यता है कि ऐसा करने से पैसों की तिजोरी हमेशा भरी रहती है.
रात को मां लक्ष्मी के पास घी का दीपक जलाएं और उन्हें गुलाब के फूलों की माला अर्पित करें. साथ ही मिठाई का भोग भी लगाएं. इसके बाद लक्ष्मी जी के मंत्र का जाप करें.
(Disclaimer- सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी पर आधारित है. ज़ी न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता है.)