मंदिर पॉलिटिक्स: शिवराज ने खुद को बताया पुजारी, कमलनाथ ने संस्कारों पर उठाए सवाल
मध्य प्रदेश विधानसभा उपचुनाव को लेकर सीएम शिवराज और कमलनाथ एक दूसरे पर जमकर बरस रहे हैं. रविवार को भी कमलनाथ ने ट्वीट कर शिवराज सिंह चौहान के प्रदेश को मंदिर और प्रदेश की जनता भगवान बताने वाले बयान पर तंज कसा.
भोपाल: मध्य प्रदेश विधानसभा उपचुनाव को लेकर सीएम शिवराज और कमलनाथ एक दूसरे पर जमकर बरस रहे हैं. रविवार को भी कमलनाथ ने ट्वीट कर शिवराज सिंह चौहान के प्रदेश को मंदिर और प्रदेश की जनता भगवान बताने वाले बयान पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि जिन्होंने अपनी सरकार में निर्दोष,निरीह,अपना हक़ माँग रहे किसानो के सीने पर गोलियां चलवायी, वो कैसे पुजारी हैं?
पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा ‘’जिन्होंने अपनी सरकार में निर्दोष, निरीह, अपना हक़ मांग रहे किसानों के सीने पर गोलियां चलवायी , किसानों के कपड़े उतराकर उन्हें नंगे बदन जेलों में बंद करवाया , जिनके राज में बहन- बेटियां रोज़ दुष्कर्म का शिकार हो रही हैं, इंसाफ़ के अभाव में अपनी जान दे रही हैं, युवा रोज़गार के अभाव में मौत को गले लगा रहा हैं, वो आज घुटने टेक कह रहे हैं कि प्रदेश मेरा मंदिर है, उसमें रहने वाली जनता मेरी भगवान है और मैं उसका पुजारी ? यह कैसे पुजारी ?
कमलनाथ ने आगे लिखा कि इन्हीं पुजारी जी ने प्रदेश रूपी इसी मंदिर में ,भगवान रूपी जनता के साथ 15 वर्षों में इतना अन्याय किया, उन्हें इतना कुचला कि भगवान रूपी जनता ने इनके निरंतर झूठ , फ़रेब , झूठी घोषणाओं को देखते इन्हें घर भेज दिया लेकिन भगवान रूपी जनता के निर्णय को शिरोधार्य करने की बजाय हटाये गए इन्हीं पुजारी जी ने मंदिर में ही साज़िश - षड्यंत्र रच , सौदेबाज़ी से जनता रूपी भगवान के निर्णय के साथ ही धोखा कर दिया. जिसे यह मंदिर कहते हैं वहीं धोखा, जिस जनता को भगवान कहते हैं , उसके निर्णय के साथ ही धोखा , ये कैसे संस्कार ?
आपको बता दें कि इससे पहले सीएम शिवराज ने कहा था कि हमारे संस्कार शीश झुकाने के हैं. जबकि कई लोग तो झुकाने की बजाय उसे कुचलने की सोच रखते हैं. उन्होंने कहा कि अब मैं अपनी हर सभा में भाषण से पहले शीश झुकाकर प्रणाम करुंगा.
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