भोपाल: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने में बारिश में भीगने से खराब हुए गेहूं को लेकर शिवराज सरकार पर हमला बोला है. कमलनाथ ने अपने एक बयान में कहा, ''शिवराज सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अनाज खरीद तो लिया, लेकिन खुले आसमान के नीचे पड़ा लाखों क्विंटल गेहूं भीग कर खराब हो गया है. इसके कारण करोड़ों का नुकसान हुआ है. यह बहुत बड़ी बर्बादी है.''


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कमलनाथ ने कहा कि देश भर में निसर्ग तूफान और भारी बारिश की चेतावनी को भाजपा सरकार ने नजर अंदाज किया, इसका नतीजा सबके सामने है. कमलनाथ ने बताया कि मध्य प्रदेश में इस साल गेहूं की बंपर पैदावार हुई है. कोरोना महामारी के चलते लागू किए गए लॉकडाउन में गेहूं की खरीदी इस बार देर से शुरू हुई थी.


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उन्होंने कहा, ''शिवराज सरकार ने खरीदी को लेकर पहले दिन से बड़े-बड़े दावे किए और आंकड़े जारी किए, लेकिन वास्तविकता कुछ और ही है. इस बार किसान अपनी उपज बेचने के लिए सबसे ज्यादा परेशान हुआ है. कई खरीदी केंद्रों पर बारदानों की कमी रही, कहीं तुलाई की व्यवस्था नहीं तो कहीं भंडारण की व्यवस्था नहीं होने के कारण समय पर खरीदी नहीं हो पाई.''


किसानों को किया परेशान
कमलनाथ ने कहा, ''शिवराज सरकार ने किसानों के मोबाइल पर संदेश भेजकर उन्हें बुला तो लिया, लेकिन उनकी खरीदी कई-कई दिनों तक नहीं की गई. इसके कारण किसानों को काफी दिनों तक इस भीषण गर्मी में कई किलोमीटर लंबी लाइनों में लग कर लू का सामना करना पड़ा. प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में 4 किसानों की मौत भी हो गई.''


कमलनाथ का कहना है कि उन्होंने सरकार से खरीदी की तारीख को आगे बढ़ाने की मांग की है. इसके बाद सरकार ने इंदौर ,भोपाल, देवास, उज्जैन और शाजापुर जिलों सहित कुल 350 केंद्रो पर खरीदी की तारीख 5 जून तक बढ़ाई है. कमलनाथ का कहना है कि सरकार ने तारीख तो आगे बढ़ा दी लेकिन खरीदी केंद्र कम कर दिए हैं. जिससे किसानों को और अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.


कमलनाथ ने सरकार से सवाल करते हुए कहा, ''आज भी किसान बड़ी संख्या में खरीदी केंद्रों के बाहर लाइन लगाकर खड़ा है. बारिश की संभावना से उसका गेहूं भीगने की आशंका है. गेहूं भीगने पर उसके गेहूं की खरीद नहीं होगी, इसका जवाबदार कौन है?''


कमलनाथ ने प्रदेश सरकार से की मांग
कमलनाथ ने प्रदेश सरकार से मांग करते हुए कहा कि जब तक सभी किसानों का पूरा गेहूं नहीं रीद लिया जाता, तब तक खरीदी चालू रहे.
-खरीदी केंद्रो पर जो खरीदी बंद पड़ी है, उसे चालू किया जाये.
-खरीदी केंद्रो पर बारदानो की कमी दूर की जाये
-अव्यवस्थाओं को दूर किया जाये
-बारिश में भीगा किसान का गेहूं भी खरीदा जाये
-खरीदे गये गेहूं व चने का शीघ्र परिवहन कर उसका सुरक्षित भंडारण किया जाये
- चने के भीगने से व खराब होने से हुई करोड़ों की बर्बादी की जिम्मेदारी तय हो
-जिन किसानो की खरीदी केंद्रो पर उपज बेचने के दौरान अभी तक मौत हुई है, उनके परिवार को एक-एक करोड़ का मुआवजा दिया जाए.


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