भोपाल: उपचुनाव में ग्वालियर सीट बीजेपी के खाते में गई है. यहां से ज्योतिरादित्य सिंधिया के सबसे खास समर्थक प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बड़ी जीत दर्ज की है. उन्होंने कांग्रेस के  कांग्रेस  सुनील शर्मा को 33,123 मतों के बड़े अंतर से हराया है.  ये सीट प्रद्युम्न सिंह तोमर के इस्तीफे से खाली हुई थी. कांग्रेस से बगावत करने वाले सिंधिया समर्थक प्रद्युम्न सिंह तोमर को बीजेपी ने यहां से टिकट दिया था. वे शिवराज सरकार में मंत्री भी हैं, जबकि कांग्रेस ने कभी ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी रहे सुनाल शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा था, जिन्हें हार मिली है. 


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प्रत्याशी की जीत के कारण


  1. जनता से सतत संपर्क

  2. मंत्री रहते हुए जरूरत मंद लोगो की मदद करना

  3. क्षत्रिय बाहुल्य इलाके में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का साथ मिलना, कट्टर सिंधिया समर्थक होने का फायदा


कांग्रेस प्रत्याशी की हार के कारण


  1. चुनाव के दौरान मिस मैनेजमेंट

  2. अंचल के बड़े नेताओं का साथ ना मिलना

  3. सिंधिया समर्थक की छवि से बाहर न निकल पाना 


33,123 मतों के बड़े अंतर से जीत
प्रद्युम्न सिंह तोमर को कुल 96027 वोट मिले, जबकि के कांग्रेस  सुनील शर्मा 62904 वोट हासिल कर पाए. लिहाजा 33,123 मतों के बड़े अंतर से तोमर ने यहां जीत दर्ज की है. 


मंत्री पद रहे हुए दूसरी बार जीते तोमर
संघ के प्रभाव वाली ग्वालियर विधानसभा सीट पर 2008 के चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर प्रद्युम्न सिंह तोमर 2 हजार 90 वोट से चुनाव जीते थे. 2013 में उन्हें बीजेपी के जयभान सिंह पवैया से हार का सामना करना पड़ा था. 2018 में तोमर ने वापसी करते हुए जयभान सिंह पवैया को पटखनी दी और कमलनाथ सरकार में मंत्री बने, लेकिन वे ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ विधायकी से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए और शिवराज सरकार में मंत्री पद रहते हुए दूसरी बार चुनावी मैदान में किस्मत आजमाई और जीत दर्ज की. 


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