Rajnandgaon Lok Sabha Seat History: लोकसभा चुनाव 2024 में अब बहुत ही कम समय बचा है. देश की सभी पार्टियां चुनाव की तैयारियों में पूरी तरह से जुट गई हैं. छत्तीसगढ़ में मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है.  इस सीट पर पिछले कुछ चुनावों में BJP और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर हुई है. हालांकि, वर्चस्व बीजेपी का ही कायम रहा. पिछले कुछ वर्षों में इस सीट पर BJP की बढ़त बनी रही है. 2019 के चुनाव में, बीजेपी के संतोष पांडे को सीट पर विजय मिली थी . वहीं, इससे पहले 2014 और 2009 के चुनाव में इस सीट पर बीजेपी के अभिषेक सिंह और मधुसूदन यादव ने जीत हासिल की थी. बता दें कि इस सीट से राज्य के वर्तमान स्पीकर और पूर्व सीएम रमन सिंह ने कभी चुनाव लड़ जीत हासिल की थी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

राजनांदगांव लोकसभा सीट 2 जिलों यानी कबीरधाम और राजनांदगांव की 8 विधानसभा सीटों से मिलकर बना है. इस सीट पर कोई आरक्षण नहीं है. इस सीट के अंतर्गत जो आठ विधानसभा सीटें आती वो पंडरिया, कवर्धा, खैरागढ़, डोंगरगढ़, राजनांदगांव, डोंगरगांव, खुज्जी और मोहला-मानपुर हैं.



बता दें कि अभी हाल ही में संपन्न हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव की बात करें तो राजनांदगांव लोकसभा सीट की आठ विधानसभा सीटों में से 5 कांग्रेस ने जीती है. कांग्रेस को डोंगरगांव, खुज्जी, मोहला-मानपुर (एसटी), खैरागढ़ और डोंगरगढ़ (एससी) पर विजय मिली है. वहीं, पंडरिया, कवर्धा और राजनांदगांव में बीजेपी को जीत मिली.


सीट नाम विधायक पार्टी
पंडरिया भावना बोहरा BJP
कवर्धा विजय शर्मा BJP
खैरागढ़ यशोदा वर्मा कांग्रेस
डोंगरगढ़ (SC) हर्षिता स्वामी बघेल कांग्रेस
राजनांदगांव रमन सिंह BJP
डोंगरगांव दलेश्वर साहू कांग्रेस
खुज्जी भोलाराम साहू कांग्रेस
मोहला-मानपुर (ST) इंद्रशाह मंडावी कांग्रेस

 


राजनांदगांव लोकसभा सीट का इतिहास
राजनांदगांव लोकसभा सीट के इतिहास की बात करें तो यहां पर मुख्य तौर पर कांग्रेस और भाजपा के बीच मुकाबला होता है. 1957 में कांग्रेस के राजा बहादुर सिंह ने यह सीट जीती थी.1962 में उन्होंने इसे बरकरार रखा. इसके बाद 1967 में पद्मावती देवी की जीत हुई. 1971 में रामसहाय पांडे की जीत के साथ कांग्रेस का वर्चस्व जारी रहा. हालांकि, 1977 के चुनाव में जनता पार्टी के मदन तिवारी के विजयी होने के साथ बदलाव देखा गया.



1980 के दशक में कांग्रेस की वापसी हुई. 1980 और 1984 में शिवेंद्र बहादुर सिंह जीते. 1989 में बीजेपी ने पहली बार इस सीट पर जीत हासिल की. इस सीट पर बीजेपी के धर्मपाल सिंह गुप्ता विजय हुए थे. हालांकि, 1991 में शिवेंद्र बहादुर सिंह ने एक बार फिर कांग्रेस की सीट पर वापसी करा दी.


1990 के दशक में कांग्रेस और भाजपा के बीच रस्साकशी देखी गई. जहां 1998 में कांग्रेस के मोतीलाल वोरा जीते. वहीं, 1999 में बीजेपी के रमन सिंह जीते. इस जीत के बाद, बीजेपी की जीत का सिलसिला जारी रहा. प्रदीप गांधी, मधुसूदन यादव, अभिषेक सिंह और संतोष पांडे जैसे भाजपा उम्मीदवारों ने क्रमशः 2004, 2009, 2014 और 2019 में जीत हासिल की. हालांकि, 2007 के उपचुनाव में कांग्रेस के देवव्रत सिंह ने सीट जीती थी.


बाहरी उम्मीदवार भी जीते चुनाव
राजनांदगांव और कवर्धा संसदीय क्षेत्र में दुर्ग और यहां तक कि मुंबई जैसी जगहों से आने वाले उम्मीदवारों ने चुनाव जीता है. गौरतलब है कि 1998 में दुर्ग से कांग्रेस के कद्दावर नेता मोतीलाल वोरा जीते थे, लेकिन 1999 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. इससे पहले 1989 में दुर्ग से बीजेपी के धर्मपाल गुप्ता की विजय हुई थी, लेकिन 1991 में हार गए थे. 1971 में मुंबई के बिजनेसमैन रामसहाय पांडे ने इस सीट से चुनाव जीता था.


लोकसभा सीट पर खैरागढ़ राजपरिवार का दबदबा 
राजनांदगांव लोकसभा सीट के इतिहास में खैरागढ़ राजपरिवार का इस सीट पर दबदबा रहा है. इस राजपरिवार से सात बार सांसद चुने जा चुके हैं. वीरेंद्र बहादुर सिंह ने 1957 और 1962 में, पद्मावती देवी ने 1967 में, शिवेंद्र बहादुर सिंह ने 1980, 1984 और 1991 में आम चुनाव और देवव्रत सिंह ने 2007 में उप-चुनाव जीता था.


बता दें कि कवर्धा से बीजेपी ने तीन उम्मीदवार उतारे हैं. जिसमें पिछले चुनाव में जीते वर्तमान सांसद संतोष पांडे भी शामिल हैं. कवर्धा से डॉ. रमन सिंह और उनके बेटे अभिषेक सिंह भी सांसद चुने गए हैं.


मोतीलाल वोरा और रमन सिंह के बीच रोचक मुकाबला
जब छत्तीसगढ़ को अलग राज्य बनाने की तैयारी चल रही थी, तब इससे पहले साल 1999 में हुआ लोकसभा चुनाव बेहद दिलचस्प रहा था. यहां मुकाबला कवर्धा से विधानसभा चुनाव हारे रमन सिंह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे मोतीलाल वोरा के बीच था. जब नतीजे आए तो हर कोई हैरान रह गया. आपको बता दें कि 1999 के लोकसभा चुनाव में रमन सिंह ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा को 26715 वोटों से हराया था. खास बात ये थी कि रमन सिंह को कद्दावर नेता मोतीलाल वोरा को चुनाव में हराने का इनाम भी मिला. रमन सिंह की जीत के बाद उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री बनाया गया था. 


राजनांदगांव में इंदिरा गांधी और राजीव गांधी
1982 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी राजनांदगांव जिले के मानपुर आईं थीं. सांसद शिवेंद्र बहादुर सिंह और आदिवासी नेता लाल श्याम शाह के आग्रह पर उन्होंने मानपुर में रोड शो किया था. 1988 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र के भोरमदेव पहुंचे थे. उन्होंने बैगा परियोजना शुरू की थी. 


कवर्धा में सुबह 7:30 बजे आयोजित हुई थी अटल जी की सभा
पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी 9 सितंबर 1979 को कवर्धा पहुंचे थे. रात 8 बजे सर्किट हाउस पहुंचने पर उनका स्वागत किया गया. संघ नेताओं और युवा कार्यकर्ताओं ने उनसे अनुरोध किया था कि लोग उनका संबोधन सुनना चाहते हैं. जिस पर उन्होंने बाद में राज्य के सीएम बने रमन सिंह से कहा था कि वह भीड़ होने पर ही कुछ देर के लिए भाषण देंगे, लेकिन जब वह मैदान पर पहुंचे तो चार हजार से ज्यादा की भीड़ देखकर हैरान रह गये. शुरुआत में अटल जी ने कहा था कि वह 5 मिनट बोलेंगे, लेकिन वह करीब 22 मिनट तक बोले थे. यह उनके और कवर्धावासियों के लिए अविस्मरणीय क्षण था.


Bhopal Seat: BJP का गढ़ है ये लोकसभा सीट, गांधीनगर छोड़ यहां से चुनाव लड़ना चाहते थे आडवाणी! समझें समीकरण


पिछले कुछ चुनाव के नतीजे
2019 राजनांदगांव लोकसभा चुनाव में बीजेपी के संतोष पांडे विजयी रहे थे. उन्होंने कांग्रेस के भोला राम साहू को मात दी थी. संतोष पांडे की जीत का अंतर 111966 वोटों का रहा. इसी तरह 2014 में बीजेपी के अभिषेक सिंह ने कांग्रेस के कमलेश्वर वर्मा को 235911 वोटों से हराया था. इससे पहले 2009 के चुनाव में बीजेपी के मधुसूदन यादव ने इस सीट पर 119074 वोटों से जीत हासिल की थी. उन्होंने कांग्रेस के देवव्रत सिंह को मात दी थी.


2019 चुनाव रिजल्ट


पार्टी उम्मीदवार वोट वोट%
BJP संतोष पांडे 662,387 50.68
कांग्रेस भोला राम साहू 5,50,421 42.11
बसपा रविता लकड़ा 17,145 1.31

2014 चुनाव रिजल्ट


पार्टी उम्मीदवार वोट वोट%
बीजेपी अभिषेक सिंह 6,43,473 54.61
कांग्रेस कमलेश्वर वर्मा 4,07,562 34.59

2009 चुनाव रिजल्ट


पार्टी उम्मीदवार वोट वोट%
BJP मधुसूदन यादव 4,37,721 52.70
कांग्रेस देवव्रत सिंह 3,18,647 38.36
निर्दलीय डी.आर. यादव प्रचार्य 19,984 2.41

राजनांदगांव के संसद सदस्यों की सूची


साल सांसद पार्टी
1957 राजा बहादुर सिंह कांग्रेस
1962 राजा बहादुर सिंह कांग्रेस
1967 पद्मावती देवी कांग्रेस
1971 रामसहाय पांडे कांग्रेस
1977 मदन तिवारी जनता पार्टी
1980 शिवेन्द्र बहादुर सिंह कांग्रेस
1984 शिवेन्द्र बहादुर सिंह कांग्रेस
1989 धर्मपाल सिंह गुप्ता BJP
1991 शिवेन्द्र बहादुर सिंह कांग्रेस
1996 अशोक शर्मा BJP
1998 मोतीलाल वोरा कांग्रेस
1999 रमन सिंह BJP
2004 प्रदीप गांधी BJP
2007 (उपचुनाव) देवव्रत सिंह कांग्रेस
2009 मधुसूदन यादव BJP
2014 अभिषेक सिंह BJP
2019 संतोष पांडे BJP