Election 2024: मध्य प्रदेश के इस बूथ में नहीं आया एक भी वोटर, जीरो वोटिंग के पीछे है ये कारण
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में आज मध्य प्रदेश की 6 सीटों पर वोटिंग हो रही है. अधिकतर स्थानों पर लोग बढ़चढ़ कर मतदान में भाग ले रहे हैं लेकिन छतरपुर जिले के बक्सवाहा इलाके के एक बूथ में सन्नाटा पसरा है. जानिए यहां जीरो वोटिंग के पीछे आखिर क्या कारण है.
Lok Sabha Election 2024: छतरपुर/भोपाल। मध्य प्रदेश की 6 लोकसभा सीटों पर आम चुनाव 2024 के लिए आज वोटिंग हो रही है. सभी स्थानों में देखने मिल रहा है कि लोग बढ़चढ़ कर लोकतंत्र के त्यौहार में हिस्सा ले रहे हैं. हालांकि, कुछ इलाकों में वोटरों की नाराजगी भी सामने आ रही है. इसी कारण वो वोट का बहिष्कार कर रहे हैं. छतरपुर जिले के बक्सवाहा इलाके में बने एक बूथ में तो ऐसा विरोध हो गया कि वहां कोई वोट डालने ही नहीं पहुंचा.
मतदान का बहिष्कार
मामला छतरपुर की बक्सवाहा तहसील में आने वाले मानकी गांव की है. यहां लोगों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया है. ये बिजली, पानी और शासन की योजनाओं का फायदा न मिलने से नाराज हैं. इसके कारण इनके गांव में बने पोलिंग बूथ नंबर 249 पर सन्नाटा सा पसरा हुआ है. सुबह 7 बजे से यहां अधिकारी और कर्मचारी वोटिंग कराने के लिए तैयार थे लेकिन दोपहर बाद तक एक भी वोटर अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए यहां नहीं पहुंचा.
मनाने में जुटे अधिकारी
गांव में 3 महीने से बिजली नहीं आई है. इस बीच इलाके के जिम्मेदार अधिकारियों ने गांव में डेरा डाल लिया है और वो लोगों को वोट डालने के लिए मना रहे हैं. लेकिन, मजाक की कोई भी जाकर वोट करें. ऐसे में अब अधिकारियों की भी चिंता बढ़ने लगी है की अगर एक भी वोट नहीं हुआ तो क्या होगा.
यहां लगे मुर्दाबाद के नारे
खजुराहो लोकसभा के अंदर आने वाले छतरपुर की राजनगर तहसील के गंज गांव के मतदान केंद्र क्रमांक 206-207 में भी बवाल हो गया. आक्रोशित मतदाताओं ने यहां मुर्दाबाद के नारे लगाए. उन्होंने मतदान दल में शामिल एक कर्मचारी पर बेवजह परेशान करने का आरोप लगाया. मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने मामला शांत कराया.
यहां भी हुआ बहिष्कार
टीकमगढ़ के किशनपुरा गांव में भा लोगों ने मतदान का बहिष्कार किया है. यहां के लोग गांव की कई समस्याओं को लेकर परेशान है. स्थानीय लोगों ने बताया कि इस गांव में पानी और सड़क की समस्या है. हालांकि, सुबह से रुका मतदान तहसीलदार के समझाने के बाद दोपहर में शुरू हुई.