Chhindwara Lok Sabha Seat: छिंदवाड़ा लोकसभा सीट इस बार मध्य प्रदेश के साथ-साथ देशभर में चर्चा में है, क्योंकि कांग्रेस के सबसे मजबूत गढ़ में इस बार बीजेपी पूरा जोर लगा रही है. ऐसे में यहां सबकी निगाहें टिकी हैं. खास बात यह है कि छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर 19 अप्रैल को वोटिंग होनी हैं, ऐसे में बीजेपी का नेतृत्व ने यहां मोर्चा संभाल लिया है. भाजपा ने छिंदवाड़ा सीट का प्रभारी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को बनाया है, ऐसे में अब विजयवर्गीय भी नाथ के गढ़ में अगले तीन दिन तक मोर्चा संभालने वाले हैं. 


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6 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करेंगे विजयवर्गीय 


कैलाश विजवयर्गीय को चुनावी रणनीति में माहिर माना जाता है, यही वजह है कि वह पूरी तरह से छिंदवाड़ा सीट पर एक्टिव होने जा रहे हैं. माना जा रहा है कि इस दौरान कांग्रेस के कुछ और नेता बीजेपी का दामन थाम सकते हैं, क्योंकि कैलाश विजयवर्गीय अलग-अलग क्षेत्रों में दौरा करेंगे, जमीनी कसावट के लिए विजयवर्गीय अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में जाएंगे. जहां वह कार्यकर्ता सम्मेलन के जरिए पार्टी की तैयारियों की समीक्षा करेंगे. 


असंतुष्ट को साधने पर भी जोर 


खास बात यह है कि एक तरफ बीजेपी ने कांग्रेस के कई नेताओं को पार्टी में शामिल किया है, लेकिन कुछ असंतुष्ट नेताओं की बात भी सामने आई है. ऐसे में विजयवर्गीय इन नेताओं से भी मुलाकात कर उन्हें मनाने का प्रयास करेंगे, ताकि चुनावी वोटिंग से पहले ही पूरी कसावट कर ली जाए. बता दें कि बीजेपी ने शेषराम यादव को पार्टी का कार्यवाहक जिला अध्यक्ष नियुक्त किया है, क्योंकि बीजेपी जिला अध्यक्ष बंटी साहू को पार्टी ने लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया है. ऐसे में पार्टी हर वर्ग को साधने की तैयारी में हैं. 


दिलचस्प दिख रहा है छिंदवाड़ा का मुकाबला 


दरअसल, इस बार छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर मुकाबला दिलचस्प दिख रहा है, बीजेपी के बंटी साहू और कांग्रेस नकुलनाथ ने प्रचार तेज कर दिया है. खास बात यह है कि दोनों प्रत्याशियों के प्रचार में दिग्गज नेता भी जुटे हैं. नकुलनाथ के प्रचार की कमान एक तरफ खुद पूर्व सीएम कमलनाथ संभाल रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ बंटी साहू के प्रचार में बीजेपी का पूरा अमला जुटा है. सीएम मोहन यादव खुद उनका नामांकन दाखिल कराएंगे. ऐसे में छिंदवाड़ा सीट का मुकाबला इस बार सबसे ज्यादा टफ माना जा रहा है. 


गढ़ बचाने की चुनौती 


कांग्रेस के सामने देश में अपने सबसे मजबूत गढ़ को बचाने की चुनौती है तो दूसरी तरफ बीजेपी के सामने कांग्रेस के सबसे मजबूत गढ़ को भेदने की चुनौती है. दरअसल, छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर कांग्रेस अब तक पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ 9 लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं, जबकि 2019 में उनके बेटे नकुलनाथ को जीत मिली थी. लेकिन पिछले चुनाव में कांग्रेस की लीड सबसे ज्यादा कम हुई थी. ऐसे में इस बार कांग्रेस जहां अपना गढ़ बचाने में जुटी है, तो बीजेपी इस गढ़ को भेदने में जुटी है. 


भोपाल से प्रमोद शर्मा की रिपोर्ट 


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