Lok Sabha Protem Speaker: लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद नई सरकार के गठन हो चुका है, जबकि मंत्रिमंडल में भी विभागों का बंटवारा भी हो चुका है. अब सांसदों के शपथ ग्रहण की है. ऐसे में नए सांसदों को शपथ दिलाने के लिए लोकसभा में प्रोटेम स्पीकर को चुना जाना है. प्रोटेम स्पीकर ही पीएम समेत सभी नए सांसदों को शपथ दिलाएंगे. प्रोटेम स्पीकर पद की रेस में मध्य प्रदेश के एक सांसद का नाम चल रहा है. ऐसे में अगर उन्हें यह जिम्मेदारी मिलती है तो लगातार तीसरी बार प्रोटेम स्पीकर का पद मध्य प्रदेश के खाते में जाएगा. जिससे यह मध्य प्रदेश के लिए अनोखा सियासी संयोग बन सकता है. 


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फग्गन सिंह कुलस्ते प्रोटेम स्पीकर के दावेदार


मध्य प्रदेश की मंडला लोकसभा सीट से सातवीं बार सांसद चुने गए फग्गन सिंह कुलस्ते प्रोटेम स्पीकर पद के दावेदार माने जा रहे हैं. क्योंकि 18वीं लोकसभा में चुनकर आए सदस्यों में वरिष्ठता के आधार पर उनका दावा मजबूत माना जा रहा है. हालांकि अब तक इसको लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं आई है. लेकिन मंडला पहुंचे कुलस्ते से जब प्रोटेम स्पीकर बनाए जाने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा 'यह पार्टी तय करती है, इसमें हमारा कुछ भी निर्णय नहीं होता है, पार्टी जो तय करेगी, उसे देखा जाएगा, मुझे जो जिम्मेदारी मिलती है उसे पूरा करता हूं.' हालांकि सीनियरटी के लिहाज से कुलस्ते का दावा मजबूत माना जा रहा है. 


लगातार तीसरी बार मध्य प्रदेश को मिल सकता है यह पद 


खास बात यह है कि अगर फग्गन सिंह कुलस्ते को यह पद मिलता है तो संभवत ऐसा पहला मौका बन सकता है जब मध्य प्रदेश से लगातार तीसरी बार लोकसभा का प्रोटेम स्पीकर चुना जाएगा. दरअसल, 16वीं और 17वीं लोकसभा में मध्य प्रदेश के सांसद को ही प्रोटेम स्पीकर बनाया गया था. 16वीं लोकसभा में कांग्रेस के सीनियर नेता कमलनाथ को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया था, जबकि 17वीं लोकसभा में बीजेपी के सीनियर सांसद डॉ. वीरेंद्र कुमार खटीक को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया था. 


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16वीं लोकसभा में कमलनाथ बने थे प्रोटेम स्पीकर 


दरअसल, 16वीं लोकसभा में मध्य प्रदेश से आने वाले कांग्रेस के सीनियर नेता कमलनाथ को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया था. कमलनाथ छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से 9वीं बार सांसद चुने गए थे. 16वीं लोकसभा में वह सबसे सीनियर सांसद थे. ऐसे में उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी. खास बात यह है कि 16वीं लोकसभा के लिए स्पीकर का पद भी मध्य प्रदेश को ही मिला था. इंदौर से लगातार आठवीं बार सांसद चुनी गई सुमित्रा महाजन को लोकसभा अध्यक्ष बनाया गया था. 


17वीं लोकसभा में वीरेंद्र खटीक को मिली थी जिम्मेदारी 


16वीं लोकसभा के बाद 17वीं लोकसभा में भी मध्य प्रदेश से आने वाले बीजेपी के सीनियर नेता डॉ. वीरेंद्र कुमार खटीक को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया था. वीरेंद्र खटीक 17वीं लोकसभा में लगातार 7वीं बार लोकसभा सांसद चुने गए थे. ऐसे में उन्हें सीनियरटी के लिहाज से यह जिम्मेदारी मिली थी. बाद में वीरेंद्र खटीक को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में मंत्री भी बनाया गया था. जबकि इस बार भी उन्हें मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिली है. खटीक लगातार आठवीं बार लोकसभा सदस्य चुने गए हैं. वीरेंद्र खटीक चार बार सागर लोकसभा सीट से और चार बार टीकमगढ़ लोकसभा सीट से सांसद चुने जा चुके हैं.  


ऐसे में अगर मंडला से सातवीं बार के सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते को यह मौका मिलता है तो यह मध्य प्रदेश के लिए अनोखा संयोग होगा. हालांकि कुलस्ते के अलावा राधामोहन सिंह, भर्तृहरि महताब मनसुखभाई वसावा और कांग्रेस के के. सुरेश का नाम भी प्रोटेम स्पीकर की रेस में चल रहा है. 


प्रोटेम स्पीकर के चयन का आधार 


दरअसल, नई लोकसभा की पहली बैठक से ठीक पहले स्पीकर का पद खाली हो जाता है. ऐसे में स्पीकर का कामकाज नए सदस्यों में से चुनकर आए किसी वरिष्ठ सदस्य को ही देखना पड़ता है. सांसदों की वरिष्ठता आधार उनका लोकसभा और राज्यसभा का कार्यकाल होता है.  इस सदस्य को ही प्रोटेम स्पीकर कहा जाता है, जिन्हें देश के महामहिम राष्ट्रपति प्रोटेम स्पीकर पद की शपथ दिलाते हैं. प्रोटेम स्पीकर ही लोकसभा की पहली बैठक की अध्यक्षता करते हैं और फिर नए सांसदों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाते हैं. 


खास बात यह है कि अगर लोकसभा अध्यक्ष का चयन निर्विरोध होता है तो प्रोटेम स्पीकर उन्हें लोकसभा में पारित प्रस्तावों के आधार पर अपनी कुर्सी सौंप देते हैं. लेकिन अगर लोकसभा अध्यक्ष के लिए चुनाव की स्थिति बनती तो फिर यह चुनाव भी प्रोटेम स्पीकर की तरफ से ही करवाया जाता है. 


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