Morena Constituency: मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे प्रत्याशी तेजी से सक्रिए हो रहे हैं, क्योंकि मार्च के आखिर तक चुनावों का ऐलान होने की उम्मीद है, ऐसे में नेता न केवल जनता तक पहुंचना चाहते हैं बल्कि अपनी-अपनी पार्टियों में अपना टिकट भी फाइनल करना चाहते हैं. मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद ऐसे नेताओं की फेहरिस्त लंबी हो गई हैं, जो लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं, बात चाहे फिर बीजेपी की हो या कांग्रेस पार्टी की. चंबल अंचल की एक सीट पर कुछ ऐसी ही स्थिति नजर आ रही हैं, जहां केंद्रीय मंत्री से लेकर पूर्व मंत्री तक सब दावेदार माने जा रहे हैं. 


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मुरैना सीट पर कई दावेदार 


दरअसल, चंबल अंचल का सियासी केंद्र माने जाने वाली मुरैना लोकसभा सीट पर इस बार राजनीतिक समीकरण पूरी तरह से बदल गए हैं, क्योंकि यहां के सांसद नरेंद्र सिंह तोमर विधानसभा चुनाव जीतकर मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष बन चुके हैं, ऐसे में उनकी जगह बीजेपी में कई दावेदार नजर आ रहे हैं, जबकि कुछ ऐसी ही स्थिति कांग्रेस भी दिख रही है, कांग्रेस से भी कई विधायक और पूर्व विधायक इस बार लोकसभा चुनाव लड़ने की ख्वाहिश पाले हुए हैं. ऐसे में इस बार यहां के सियासी दांव पेंच बेहद दिलचस्प होते नजर आ रहे हैं. 


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सिंधिया-मिश्रा से लेकर पवैया तक दावेदार 


बात अगर बीजेपी की जाए तो यहां पार्टी इस बार नरेंद्र सिंह तोमर की जगह किस नेता पर दांव लगाती है, यह तो तय नहीं है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में कई नामों की चर्चा चल रही है, माना जा रहा है कि बीजेपी इस बार केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी मुरैना से चुनाव लड़वा सकती है, हालांकि इसकी उम्मीद कम हैं, क्योंकि सिंधिया का नाम उनकी परंपरागत सीट गुना और ग्वालियर से भी चल रहा है. इसके अलावा विधानसभा चुनाव हार चुके सूबे के पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा इस बार मुरैना लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं, क्योंकि मिश्रा इस सीट से मबजूत प्रत्याशी हो सकते हैं. 


इसके अलावा पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे अनूप मिश्रा की भी मुरैना लोकसभा सीट से दावेदारी आ सकती है, मिश्रा 2014 में इस सीट से सांसद रह चुके हैं, वैसे भी इस बार उनको विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिला था, इसलिए वह अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन तलाशने में जुटे हैं, वहीं  बजरंग दल के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया के नाम की भी चर्चा हो रही है. इसके अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले पूर्व मंत्री गिर्राज दंडोतिया भी मुरैना सीट से दावेदारी कर सकते हैं, सिंधिया भी उनके नाम की पैरवी कर सकते हैं, क्योंकि दंडोतिया दिमनी सीट से दावेदार माने जा रहे थे, लेकिन बीजेपी ने उनकी जगह यहां से नरेंद्र सिंह तोमर को चुनाव लड़वाया था. 


कांग्रेस में भी कई दावेदार 


मुरैना लोकसभा सीट से कांग्रेस में भी कई दावेदार नजर आ रहे हैं. जिसमें सबसे अहम नाम पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह का माना जा रहा है. गोविंद सिंह इस बार विधानसभा चुनाव हार चुके हैं, ऐसे में कांग्रेस उन्हें लोकसभा चुनाव लड़वा सकती है, जबकि पूर्व विधायक सत्यपाल सिंह भी दावेदारी कर रहे हैं. इसके अलावा पूर्व विधायक राकेश मावई भी दावेदारी कर सकते हैं, कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में उनका टिकट काट दिया था, ऐसे में वह लोकसभा चुनाव में दावेदारी कर सकते हैं. इसके अलावा कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री रामनिवास रावत का नाम भी सामने आ रहा हैं, वह 2019 में इस सीट से चुनाव लड़ चुके हैं. 


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