Loksabha Election Voting Percent: मध्य प्रदेश में चार चरणों में प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों पर चुनाव पूरा हो चुका है, लेकिन पिछले चुनाव की तुलना में इस बार मध्य प्रदेश में वोटिंग प्रतिशत कम हुआ है. 2019 में मध्य प्रदेश की सभी सीटों पर 71.12 प्रतिशत मतदान हुआ था, लेकिन 2014 में केवल 66.87 प्रतिशत ही वोटिंग हुई है, इस हिसाब से प्रदेश में इस बार  4.25 फीसदी तक मतदान कम हुआ है, इसके अलावा 6 महीने पहले हुए राज्य के विधानसभा चुनाव में के आंकड़ों के हिसाब से कुल 12 प्रतिशत तक वोटिंग कम हुई है. 


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छिंदवाड़ा में सबसे ज्यादा रीवा में सबसे कम वोटिंग 


मध्य प्रदेस में इस बार छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा वोटिंग हुई है, जबकि रीवा लोकसभा सीट पर सबसे कम वोटिंग हुई है. छिंदवाड़ा सीट पर पहले ही चरण में 19 अप्रैल को मतदान हुआ था, इस सीट पर कुल 79.83 प्रतिशत वोटिंग हुई थी. जबकि रीवा लोकसभा सीट पर दूसरे चरण में 26 अप्रैल को वोटिंग हुई थी, रीवा में मात्र 49.42 प्रतिशत वोटिंग हुई है. 


महिला वोटिंग घटी 


बताया जा रहा है कि 2019 की तुलना में 2024 में महिला मतदाताओं की बेरूखी कम मतदान का सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है. मध्य प्रदेश में कुल 66.87 प्रतिशत वोटिंग हुई थी, जिसमें पुरुषों ने कुल 69.37 प्रतिशत वोटिंग की थी, जबकि महिला वोटर्स ने कुल 64.24 प्रतिशत मतदान किया था. दरअसल, विधानसभा चुनाव में महिला वोटर्स की ज्यादा वोटिंग की वजह लाड़ली बहना योजना मानी गई थी. क्योंकि 2023 के विधानसभा चुनाव में 76.26 वोटिंग हुई थी. लेकिन इस बार महिला वोटर्स ने विधानसभा चुनाव की तरह उत्साह नहीं दिखाया. 


मध्य प्रदेश की 29 में से केवल बालाघाट लोकसभा सीट ऐसी रही, जहां पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत ज्यादा रहा. बालाघाट में 73.48 प्रतिशत महिलाओं ने वोटिंग की थी, जबकि पुरुषों ने 73.42 मतदान किया था, जबकि इसमें भी ज्यादा अंतर नहीं दिखा था. जबकि हर सीट पर महिला मतदान कम हुआ है, सीधी में महिलाओं के वोट पुरुषों की तुलना में 13.17 फीसदी कम पड़े. इसी तरह खजुराहो में 12.09 प्रतिशत, रीवा में 2.6 प्रतिशत और सतना में 10.26 प्रतिशत कम वोटिंग हुई थी. ऐसे में महिला वोटर्स की बेरूखी लोकसभा चुनाव में मतदान कम होने की एक बड़ी वजह मानी जा रही है. 


26 सीटों पर घट गई वोटिंग 


मध्य प्रदेश में इस बार केवल तीन लोकसभा सीट विदिशा, गुना और राजगढ़ को छोड़कर बाकि की सभी 26 सीटों पर वोटिंग प्रतिशत कम रहा. पहले चरण में 6 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हुई थी, जहां मतदान प्रतिशत 67.75 रहा था, वहीं दूसरे चरण में 7 सीटों पर वोटिंग हुई जहां 67.75 प्रतिशत मतदान हुआ. तीसरे चरण की 9 सीटों पर 66.75 प्रतिशत वोटिंग हुई थी, जबकि चौथे चरण की 8 सीटों पर 71.72 प्रतिशत वोटिंग हुई थी. 


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पहला चरण का मतदान प्रतिशत 


  • सीधी-56.50 प्रतिशत

  • शहडोल-64.68 प्रतिशत

  • जबलपुर -61.00 प्रतिशत

  • मंडला-72.84 प्रतिशत

  • बालाघाट-73.45 प्रतिशत

  • छिंदवाड़ा-79.83 प्रतिशत 

  • कुल मतदान-67.75 प्रतिशत


दूसरे चरण का मतदान प्रतिशत 


  • टीकमगढ़-60.00 प्रतिशत

  • दमोह-56.48 प्रतिशत

  • खजुराहो-56.97 प्रतिशत

  • सतना-61.94 प्रतिशत

  • रीवा-49.43 प्रतिशत

  • होशंगाबाद-67.21 प्रतिशत

  • कुल मतदान-58.59 प्रतिशत


तीसरे चरण का मतदान प्रतिशत 


  • मुरैना-58.97 प्रतिशत

  • भिंड-54.93 प्रतिशत

  • ग्वालियर-62.13 प्रतिशत

  • गुना-72.43 प्रतिशत

  • सागर-65.75 प्रतिशत

  • विदिशा-74.48 प्रतिशत

  • भोपाल-64.06 प्रतिशत

  • राजगढ़-76.04 प्रतिशत

  • बैतूल-73.53 प्रतिशत

  • कुल मतदान-66.75 प्रतिशत


चौथे चरण का मतदान प्रतिशत 


  • देवास-75.48 प्रतिशत

  • धार 72.76 प्रतिशत

  • इंदौर 61.67 प्रतिशत

  • खंडवा 71.52 प्रतिशत

  • खरगोन 76.03 प्रतिशत

  • मंदसौर 75.27 प्रतिशत

  • रतलाम 72.94 प्रतिशत

  • उज्जैन 73.82 प्रतिशत

  • कुल मतदान-72.05 प्रतिशत  


मध्य प्रदेश में अगर कुल चार चरणों के मतदान की बात की जाए तो ओवरऑल केवल चौथे चरण में ही सबसे ज्यादा वोटिंग हुई, जबकि पहले, दूसरे और तीसरे चरण में मतदान का प्रतिशत कम रहा है. ऐसे में वोटिंग प्रतिशत का यह अंतर नतीजों पर कितना असर डालेगा इसका पता तो 4 जून को ही लग पाएगा.


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