Raigarh Lok Sabha Seat: आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित रायगढ़ लोकसभा सीट पर तीसरे चरण में 7 मई को लोकसभा चुनाव होना है. गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के बाद अब इस सीट पर बसपा ने भी एंट्री कर दी है. बसपा ने इस सीट पर इनोसेंट कुजूर को अपना उम्मीदवार बनाकर चुनाव को और दिलचस्प बना दिया है. इन पार्टियों के उम्मीदवार भले ही चुनाव न जीतें लेकिन कांग्रेस बीजेपी की जीत और हार का समीकरण जरूर बदल सकती है, तो चलिए आपको बताते हैं कि बसपा प्रत्याशी इनोसेंट कुजूर कौन हैं?


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

BJP Manifesto 2024: CM साय ने BJP के 'संकल्प पत्र' को बताया ट्रेलर, तीसरी आर्थिक शक्ति बनने पर किया बड़ा दावा


कौन हैं इनोसेंट कुजूर?
2019 के लोकसभा चुनाव में भी इनोसेंट कुजूर को बसपा ने इसी रायगढ़ सीट से मैदान में उतारा था. 2019 में बीएसपी के टिकट से चुनाव लड़कर कुजूर 26,596 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे. वहीं, उन्होंने 2023 का विधानसभा चुनाव भी बसपा के टिकट पर पत्थलगांव विधानसभा सीट से लड़ा, जहां उन्हें 2334 वोट मिले थे. 2023 के विधानसभा चुनाव के हलफनामे  में  उन्होंने अपनी कुल संपत्ति 1.3 करोड़ रुपये बताई थी.


रायगढ़ सीट का समीकरण
रायगढ़ लोकसभा सीट पर कंवर, उरांव और गोंड जनजाति के लोग निर्णायक भूमिका निभाते हैं. इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और वर्तमान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सांसद रह चुके हैं. माना जाता है कि इस सीट पर जशपुर और सारंगढ़ राजघराना किंग मेकर की भूमिका निभाता है और उनके आशीर्वाद के बिना कोई भी उम्मीदवार इस सीट से सांसद नहीं बन सकता है. रायगढ़ सीट से कांग्रेस ने मेनका सिंह को मैदान में उतारा है, सारंगढ़ के राजकीय परिवार से आने वाली मेनका की बहनें पुष्पा देवी और रजनी देवी इस सीट से सांसद रह चुकी हैं. बीजेपी ने मौजूदा सांसद गोमती साय का टिकट काटकर राधेश्याम राठिया को अपना उम्मीदवार बनाया है. आदिवासी इलाकों में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है. गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने मदन गोंड को अपना उम्मीदवार बनाया है.


बसपा के अन्य प्रत्याशी
छत्तीसगढ़ में रायगढ़ के अलावा सरगुजा से संजय एक्का व बिलासपुर से अश्वनी रजक को भी बसपा ने मैदान में उतारने की घोषणा की, इससे पहले बसपा ने रोहित कुमार दहरिया को जंजगीर-चम्पा से, आयतू राम मंडावी को बस्तर से,  देवलाल सोनवंशी को राजनांदगांव से, बसंत सिन्हा को महासमुंद से और तिलकराम मरकाम को कांकेर से उतारा है.