नई दिल्ली/जबलपुर: मध्यप्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव एवं अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के दो सेवानिवृत्त न्यायाधीशों न्यायमूर्ति पीपी नावलेकर एवं न्यायमूर्ति डीएम धर्माधिकारी के घर पर 'संपर्क फॉर समर्थन अभियान' के तहत मुलाकात की और उनसे पार्टी के लिए समर्थन मांगा. इस दौरान उनके साथ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं मध्यप्रदेश बीजेपी अध्यक्ष राकेश सिंह और पार्टी के अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थे. वहीं अमित शाह के दौरे पर मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा था कि बीजेपी को अपनी जमीन खिसकती नजर आ रही है. इसके चलते ही प्रदेश में बीजेपी के बड़े नेताओं के दौरे बढ़ गए हैं. 


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कांग्रेस को ना समझें कमजोर विपक्ष
इससे पहले अमित शाह ने मध्यप्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों को लेकर प्रदेश बीजेपी चुनाव प्रबंधन समिति और कोर कमेटी की बैठक भेड़ाघाट स्थिति पर्यटन विभाग के होटल में ली. बैठक में शाह ने प्रदेश में बीजेपी की स्थिति के बारे में चर्चा की. बताया जा रहा है कि शाह ने इस दौरान संकेत दिए कि प्रदेश संगठन कांग्रेस को कमजोर विपक्षी के रूप में ना लें. सूत्रों की मानें तो, शाह ने ताकीद की है कि कांग्रेस को हल्के में लेना प्रदेश में बीजेपी के लिए भारी पड़ सकता है. वहीं खबर है कि प्रदेश में बीजेपी के एक अंदरुनी सर्वे के मुताबिक करीब 120 विधायकों पर इस बार गाज गिर सकती है. सूत्रों का कहना है कि टिकट वितरण में करीब 120 विधायकों के ऊपर टिकट काटे जाने की तलवार लटक रही है. माना जा रहा है कि सर्वे में इन विधायकों के जीतने की संभावना कम नजर आई है और इन विधायकों के टिकट कटना तय है. बताया जा रहा है कि इस सर्वे में विधायकों के परफॉर्मेंस और जनता के बीच उनकी लोकप्रियता को आधार बनाया गया है.  


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समाप्त करनी होगी सत्ता विरोधी लहर
सूत्रों की मानें तो, बैठक में शाह ने दो टूक कहा कि कांग्रेस को कमजोर मानने गलती के कारण ही बीजेपी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर बनी है. बताया जा रहा है कि शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मंदसौर रैली और पाटीदार नेता हार्दिक पटेल का भी जिक्र किया था. पार्टी सूत्रों के अनुसार, शाह ने बीजेपी नेताओं को कांग्रेस द्वारा बनाई गई सत्ता विरोधी लहर को समाप्त करने के लिए सभी नेताओं को किसान, युवा और आदिवासियों को साधने के लिए जमीन पर जाकर काम करने को कहा है. इस बैठक में चुनाव प्रबंध समिति के प्रभारी नरेन्द्र तोमर सहित प्रदेश के 26 चुनिंदा नेता उपस्थित रहे. बैठक के दौरान अभी से ही लोकसभा और विधानसभा के चुनाव के लिए रणनीति तैयार करने की बात की गई. सूत्रों के अनुसार बैठक लगभग तीन घंटे तक चली थी. इस बैठक से पहले शाह ने भेड़ाघाट में मां नर्मदा का पूजन और आरती की थी.