भोपाल: मध्य प्रदेश में 27 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. इसको लेकर कांग्रेस तैयारियों में जुट गई है. यही वजह है कि कांग्रेस 27  विधानसभा उप चुनाव जीतने के लिए बीजेपी के फार्मूले पर काम करना शुरू कर दिया है. इसके लिए पार्टी उप चुनाव वाले क्षेत्रों में हर बूथ पर पन्ना प्रभारियो की तैनाती कर रही है.


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पार्टी को बूथ स्तर पर मजबूत किया जा सके, इसके लिए हर बूथ पर 5 कार्यकर्ता तैनात किए जा रहे हैं. इन कार्यकर्ताओं को बूथ के वोटरों को साधने की जिम्मेदारी दी गई है. बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं की ये नियुक्तियां विधानसभा प्रभारी की तरफ से की जा रही है.


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जानें क्या है कांग्रेस का पन्ना प्रभारी फॉर्मूला?
विधानसभा के एक बूथ पर 800 से लेकर 1000 वोटर होते हैं, इनमें 50 मतदाता वोटर लिस्ट के एक पन्ने पर होते हैं. इस हिसाब से देखा जाए तो एक विधानसभा में 250 से 300 बूथ होते हैं. इसलिए एक कार्यकर्तों को 4 पन्नों यानी कि कम से कम 200 मतदाताओं को साधने की जिम्मेदारी दी जाएगी. इस दौरान 5 कार्यकर्ता 200 के हिसाब से 1000 लोगों से संपर्क करेंगे.


कांग्रेस के उपाध्यक्ष और संगठन प्रभारी चंद्र प्रभाष शेखर ने पन्ना प्रभारी बनाए जाने की रणनीति को स्वीकार किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस हर विधान सभा क्षेत्र में कमिटी बनाई है. उन्होंने कहा कि वे सेक्टर मंडलम बने हैं. वोटिंग के लिए वे जनता को जागरूक करेंगे. साथ ही वोटिंग के दिन संक्रियता से काम करेंगे.


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वहीं, बीजेपी ने कांग्रेस की पन्ना प्रभारी बनाने की कवायद को फालतू करार दिया है. बीजेपी उपचुनाव प्रबंध समिति के संयोजक और नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कांग्रेस में व्यापारी, राजा, पटवारी, कलेक्टर, तहसीलदार का झगड़ा चल रहा है. कांग्रेस की इस रणनीति को उन्होंने फालतू बताया.


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