भोपाल: मध्य प्रदेश की जबलपुर संसदीय सीट से सांसद राकेश सिंह को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने प्रदेश अध्यक्ष बनाया है. राकेश सिंह तीसरी बार जबलपुर से सांसद चुने गये हैं और लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक हैं. राजनीतिक गलियारों मे चर्चा है कि प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए राकेश सिंह, अमित शाह की पहली और आखिरी पसंद थे. उन्हें नरेंद्र सिंह तोमर और सीएम शिवराज सिंह चौहान का भी करीबी माना जाता है. उन्होंने नंद कुमार सिंह चौहान की जगह प्रदेश में पार्टी नेतृत्व की कमान संभाली है. पूर्व अध्यक्ष नंदकुमार इस पद पर साल 2014 से कार्यरत थे.


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प्रदेश में इसी साल होने हैं चुनाव 
मध्यप्रदेश में प्रदेश पार्टी अध्यक्ष में बदलाव की पहल ऐसे समय में की गई है, जब इसी वर्ष राज्य में 230 सदस्यीय विधानसभा का चुनाव होना है. गौरतलब है कि राज्य में बीजेपी पिछले 15 वर्षो से सत्ता में है. भोपाल में मंगलवार देर रात को प्रदेश बीजेपी की बैठक में सिंह के नाम को अंतिम रूप दिया गया. बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी के संगठन महामंत्री राम लाल मौजूद थे. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि महाकोशल-विंध्य क्षेत्र में राकेश सिंह की अपनी एक पहचान है. बीजेपी द्वारा आंतरिक तौर पर कराए गए सर्वे में पार्टी को महाकोशल-विंध्य तथा चंबल क्षेत्र में भारी नुकसान होने की संभावना है. जिसके चलते ही इस क्षेत्र से बीजेपी ने नया अध्यक्ष चुना है.


कैसे शुरू हुआ राजनीतिक सफर
राकेश सिंह 2004 से जबलपुर संसदीय सीट से सांसद हैं. 2014 में वो तीसरी बार लोकसभा पहुंचे हैं. पिछले चुनाव में उन्होंने विवेक तनखा को शिकस्त दी थी. राकेश सिंह ने साल 2004, 2009 और 2014 में लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की. राकेश सिंह एमपी बीजेपी कार्यसमिति के सदस्य भी हैं. उन्होंने जबलपुर बीजेपी जिलाध्यक्ष रहते हुए 'गांव चलो-घर चलो' अभियान चलाया था. बीजेपी ने उनके इस अभियान 'गांव चलो-घर चलो' को पूरे देश में आंदोलन के तौर पर चलाया था. राकेश सिंह कई संसदीय समितियों के सदस्य भी रहे हैं. 


एमपी में है अच्छी पकड़
राकेश सिंह मध्य प्रदेश के राजनीतिक मानचित्र को अच्छी तरह से समझते हैं. राकेश सिंह 2010 में एमपी बीजेपी के महामंत्री भी रहे हैं. 55 साल के राकेश सिंह छात्र जीवन से ही राजनीति से जुड़े रहे हैं. राकेश सिंह ने बी.एससी. की शिक्षा गवर्नमेंट मॉडल साइंस कॉलेज, जबलपुर से ग्रहण की. साल 1978 में महाविद्यालय की कार्यकारिणी के सदस्य निर्वाचित हुए. साल 1979 में साइंस कॉलेज में विश्वविद्यालय प्रतिनिधि चुने गए. साल 2000 में जबलपुर जिला बीजेपी अध्‍यक्ष बने. साल 2004 में 14वीं लोक सभा सदस्‍य निर्वाचित होकर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पर्यावरण और वन संबंधी स्थायी समिति सदस्‍य, परामर्शदात्री समिति, पर्यटन मंत्रालय में विभिन्न पदों पर रहे. 


विभिन्न समितियों के रहे सदस्य
अगस्‍त 2007 से मई 2009 तक परिवहन, पर्यटन तथा संस्‍कृति संबंधी स्‍थायी समिति के सदस्‍य रहे. 2009 में 15वीं लोक सभा सदस्‍य के रूप में दूसरी बार निर्वाचित हुए. साथ ही परिवहन, पर्यटन तथा संस्‍कृति संबंधी स्‍थायी समिति, याचिका समिति, परामर्शदात्री समिति, रक्षा मंत्रालय सदस्‍य, एनसीसी के लिए केन्‍द्रीय सलाहकार समिति, हिन्‍दी सलाहकार समिति, रक्षा विभाग, रक्षा अनुसंधान विभाग और भूतपूर्व सैनिक कल्‍याण विभाग के सदस्य रहे. मई, 2014 में 16वीं लोक सभा के सदस्‍य के रूप में तीसरी बार निर्वाचित हुए. 12 जून 2014 से आवास समिति, 1 सितम्‍बर 2014 से विशेषाधिकार समिति, परिवहन, पर्यटन तथा संस्‍कृति संबंधी स्‍थायी समिति के सदस्य रहे. साथ ही 27 नवम्‍बर 2014 से कोयला और इस्‍पात संबंधी स्‍थायी समिति के सभापति, परामर्शदात्री समिति और रक्षा मंत्रालय के सदस्‍य, और 29 जनवरी 2015 से सामान्‍य प्रयोजन समिति, रक्षा मंत्रालय संबंधी हिन्‍दी सलाहकार समिति के सदस्‍य हैं. 


सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यकलाप 
जबलपुर लोक सभा क्षेत्र में जल संरक्षण अभियान चलाया था. इस विशाल जागरूकता अभियान में उन्‍होंने 15 दिन तक पदयात्रा कर 250 से भी अधिक ग्रामों का दौरा किया था. जल संरक्षण अभियान के अंतर्गत 180 किलोमीटर से अधिक पदयात्रा की. अपेक्षित धन देकर स्‍टाप बांध के निर्माण को प्रोत्‍साहित किया. शहरी क्षेत्रों में भी जल संरक्षण स्‍कीमों के बारे में जागरूकता पैदा की.


विदेश यात्रा 
फ्रांस (पैरिस), जर्मनी (फ्रैंकफर्ट), रूस और स्‍विटजरलैंड. 


अन्य जानकारी 
131वीं इंटर पार्लियामैंट्री यूनियन असेंबली तथा जिनेवा (स्‍विटजरलैंड) में अक्‍तूबर 2014 में हुई तत्‍संबंधी बैठकों में भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमण्‍डल के सदस्‍य रहे.