MP NEWS: मध्य प्रदेश के दमोह (Damoh) में ईसाई मिशनरी द्वारा चलाये जा रहे अनाथ आश्रम बाल भवन को बंद किया जाएगा और इस बाल भवन में रह रहे बच्चों को प्रदेश के दूसरे अनाथ आश्रमों में भेज जाएगा. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (MP High Court) ने इस अनाथ आश्रम को लेकर आदेश जारी किए हैं. दरअसल, दमोह के मारुताल में ईसाई मिशनरी संस्था आधारशिला संस्थान द्वारा बाल भवन के नाम से कई सालों से एक अनाथ आश्रम चलाया जा रहा था, जिसमें लावारिस मिलने वाले बच्चों को रखा जाता था. एमपी सरकार (MP Government) इस अनाथ आश्रम के लिए ग्रांट जारी करती थी और सरकार की इसे मान्यता भी थी.


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बीते दिनों राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (NCPCR)की टीम ने इस बाल भवन का औचक निरीक्षण किया तो कई अनियमितता पाई गईं. मसलन बच्चों को जबरन ईसाई धर्म की शिक्षा देना और धर्मांतरण जैसे मामले सामने आए. इसके बाद राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की पहल पर बाल भवन के संचालकों के खिलाफ आपराधिक मामला भी दर्ज हुआ है.


कोर्ट ने दिया ये फैसला
आयोग ने एमपी सरकार से सिफारिश की, जिसके बाद सरकार ने बाल भवन की मान्यता रिन्यू करने पर रोक लगा दी. बाद में यहां रह रहे बच्चों को दूसरे आश्रम में शिफ्ट करना था, लेकिन मिशनरी ने हाई कोर्ट में एक पिटीशन दायर की और कोर्ट ने इस शिफ्टिंग की प्रक्रिया पर रोक लगा दी. मिशनरी की याचिका पर फैसला देते हुए हाई कोर्ट ने सरकार द्वारा मान्यता रिन्यू करने के आदेश को सही ठहराया है और अब ये बाल भवन बंद हो जाएगा.


सामने आया था छेड़छाड़ का मामला
कोर्ट ने सरकार के महिला बाल विकास विभाग को निर्देशित किया है कि अनाथ आश्रम के बच्चों को व्यवस्थित और सुरक्षित प्रदेश के दूसरे अनाथ आश्रम में रखा जाए. बाल कल्याण समिति के सदस्य और एडवोकेट दीपक तिवारी ने बताया है कि इस संस्थान में एक नाबालिग बच्ची से छेड़छाड़ का मामला भी सामने आया था. जिस पर भी पुलिस में मामला कायम कराया गया था. इस मामले में अनियमितता पाए जाने पर महिला बाल विकास विभाग के एक कर्मचारी शाहीन शर्मा के खिलाफ भी आपराधिक मामला दर्ज हुआ है.