प्रितेश सारड़ा नीमचः जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले में हमारे देश के 40 जवानों की शहादत पर पूरे देश मे आतंकवाद के ख़िलाफ़ जमकर विरोध ओर आक्रोश देखा जा रहा है. हर कोई अपने अपने तरीके से शहीद जवानों के सम्मान में कुछ ना कुछ रहा है वही इसी के साथ ही मध्यप्रदेश के नीमच में निजी अस्पताल के डॉक्टर दीपक सिंहल ने सीआररपीएफ के जवानों के प्रति अपनी भावना रखते हुए सिंहल आर्थोपेडिक हॉस्पिटल पर आने वाले जवानों के लिए निशुल्क परामर्श का स्टिकर चस्पा कर जवानों के प्रति सम्मान का एक अच्छा संदेश दिया है.


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डॉक्टर दीपक सिंहल का कहना है कि एक तरह से नीमच को मिनी भारत भी कहा जाता है, यहा पर देश के कई राज्यों के अधिकारी और जवान आते है. यह काम मैं कई सालों से करता आ रहा हूं इस से दिल को तसल्ली मिलती और अन्य राज्य से आए जवानों को भी अपनेपन का एहसास होता है. 



पुलवामा के निकट अवंतीपुरा में गुरुवार को हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे.  पुलिस ने आत्मघाती हमले की योजना से जुड़े होने के संदेह में इन युवकों को पुलवामा और अवंतीपुरा से हिरासत में लिया. अपनी तरह के इस पहले आतंकी हमले में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी ने विस्फोटक से लदे वाहन को सीआरपीएफ की बस से टकरा दिया था. 


संघीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम ने विस्फोटक और फोरेंसिक विशेषज्ञों के साथ मिलकर क्राइम सीन (अपराध के दृश्य) के फोरेंसिक मूल्यांकन के लिए आवश्यक सामग्री एकत्र की. टीम, अपराध के दृश्य की स्थिति को ध्यान में रखते हुए शनिवार को भी सामग्री जुटाने का काम किया. विश्लेषण समाप्त होने के बाद ही परिणाम का पता चल पाएगा. 


ऐसा माना जाता है कि इस पूरे हमले की योजना एक पाकिस्तानी नागरिक कामरान ने बनाई थी जो जैश ए मोहम्मद का सदस्य था. कामरान, दक्षिण कश्मीर के पुलवामा, अवंतीपुरा तथा त्राल इलाके में सक्रिय था.


फिदायीन(आत्मघाती हमलावर) की पहचान आदिल अहमद के रूप में की गयी है. वह पुलवामा के काकापुरा इलाके का निवासी आदिल 2018 में जैश में शामिल हुआ था. प्रारंभिक जांच के अनुसार दक्षिण कश्मीर के त्राल इलाके के मिदूरा में आतंकी हमले की योजना बनायी गयी. पुलिस, जैश के एक अन्य स्थानीय सक्रिय सदस्य की तलाश कर रही है जो विस्फोटकों की व्यवस्था में मददगार बना.