नई दिल्ली/भोपालः मध्यप्रदेश में कमलनाथ की राहुल गांधी की लिखी चिट्ठी लीक होने से एक बार फिर सियासी गलियारों में हलचल मची हुई है. दरअसल, मध्यप्रदेश इकाई के कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने मध्यप्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुभाष यादव की पुण्यतिथि पर एक कार्यक्रम करने और उसमें शामिल होने संबंधी राहुल गांधी को एक पत्र लिखा था, जो कि लीक हो गया है. जिसके बाद इसका पूरा आरोप कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव पर आ गया है. अब भाजपा ने भी इस मुद्दे को उठाते हुए कांग्रेस पर जातिगत राजनीति करने का आरोप लगाया है. भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस जातिगत राजनीति करती है और अब कांग्रेस पूर्व उपमुख्यमंत्री की पुण्यतिथि के नाम पर वोट बटोरना चाहती है. बता दें कि सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो इस वीडियो में कांग्रेस के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष पत्र को वायरल कहने की बात कह रहे हैं. 


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भाजपा का आरोप, कांग्रेस जातिगत राजनीति करती है
भाजपा ने कमलनाथ के इस पत्र पर विरोध जाहिर करते हुए कहा कि कांग्रेस पूर्व उपमुख्यमंत्री सुभाष यादव की पुण्यतिथि के नाम पर वोट बटोरना चाहती है. भाजपा का कहना है कि इस पत्र के सामने आने से साफ हो गया है कि कांग्रेस सिर्फ और सिर्फ राजनीति करना चाहती है. वहीं पत्र के सामने आने से कांग्रेस में भी हलचल मची हुई है. मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए पत्र के लीक होने के पीछे की वजह का पता लगाने की कवायद शुरू कर दी है. इधर चिट्ठी लीक होने के बाद से ही मामले पर किसी भी तरह से बात न करने के इरादे से अरुण यादव ने भी देर रात कोई कॉल रिसीव नहीं किये.


कमलनाथ की राहुल गांधी को लिखी चिट्ठी
बता दें कि कमलनाथ की इस चिट्ठी के लीक होने से इसलिए बवाल मचा हुआ है क्योंकि इसमें पुण्यतिथि के बहाने वोट बैंक की बात कही गई है. चिट्ठी में लिखा है कि 'मध्यप्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुभाष यादव पिछड़ा वर्ग से आते हैं और खरगौन के कसरावाद में 26 जून 2018 को दोपहर 2 बजे उनकी पुण्यतिथि का कार्यक्रम रखा गया है. मध्यप्रदेश में भारी संख्या में ओबीसी की जनसंख्या है जिससे भारी संख्या में ओबीसी वर्ग के लोगों के आने की उम्मीद है जो कि प्रचार की दृष्टि से यह मालवा और निमाड़ में महत्वपूर्ण कार्यक्रम होगा. इसमें 61 विधानसभा आते हैं. इसलिए आपसे आग्रह करता हूं कि आप भी इस कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति प्रदान करें. इसे संविधान बचाओ देश बचाओ कार्यक्रम कहा जा रहै है. मेरे दृष्टिकोण से इस कार्यक्रम में शामिल होना जरूरी है.'