मध्य प्रदेश के कितने जिलों से होकर गुजरती है कर्क रेखा? जानिए धार्मिक और भौगौलिक महत्व
Tropic of Cancer in MP: कर्क रेखा उत्तरी गोलार्ध में भूमध्य रेखा के समानान्तर 23`26′22″ ग्लोब पर पश्चिम से पूर्व की तरफ खींची गई एक काल्पनिक रेखा है. यह रेखा पृथ्वी पर उन पांच प्रमुख अक्षांश रेखाओं में से एक है, जो मानचित्र पर प्रदर्षित की जाती है. भूगोल के साथ-साथ इस रेखा का धार्मिक महत्व भी है. आइए जानते हैं कर्क रेखा एमपी के कितने जिलों से होकर गुजरती है.
क्या है कर्क रेखा
दरअसल, कर्क रेखा पृथ्वी पर एक काल्पनिक रेखा है, जिसका भूमध्य रेखा से 23.5° उत्तर में है और यह रेखा उत्तरी गोलार्द्ध में मौजूद है. 21 जून को सूर्य कर्क रेखा पर सीधे सिर के ऊपर होता है.
अक्षांश का सबसे उत्तरी वृत्त
कर्क रेखा को उत्तरी उष्णकटिबंधीय रेखा भी कहा जाता है, पृथ्वी पर अक्षांश का सबसे उत्तरी वृत्त है. यह पृथ्वी पर अक्षांश का सबसे उत्तरी वृत्त है.
भारत के इन राज्यों से होकर गुजरती है कर्क रेखा
भारत में कर्क रेखा कुल 8 राज्यों से गुजरती है, जिसमें मध्य प्रदेश के अलावा छत्तीसगढ़, गुजरात, राजस्थान, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और मिजोरम शामिल है.
जानिए कहां से निकलती है कर्क रेखा
कर्क रेखा मध्यप्रदेश में भोपाल से 27 किलोमीटर दूर उत्तर से निकलती है. जहां से यह रेखा गुजरती है. वह स्थान स्टेट हाइवे-18 पर रायसेन जिले के दीवानगंज और सलामतपुर के बीच स्थित है.
एमपी के 14 जिलों से गुजरती है कर्क रेखा
कर्क रेखा मध्य प्रदेश और राजस्थान में सबसे ज्यादा है. कर्क रेखा मध्य प्रदेश के 14 जिलों से होकर गुजरती है. कर्क रेखा को चिन्हांकित करने के लिये राजस्थानी पत्थरों से चबूतरानुमा स्मारक बनाया गया है.
एमपी के इन जिलों से होकर गुजरती है कर्क रेखा
कर्क रेखा एमपी के भोपाल, विदिशा, रायसेन, सागर, दमोह, कटनी, जबलपुर, रतलाम, उज्जैन, आगर-मालवा, राजगढ़, सीहोर, उमरिया, और शहडोल से होकर गुजरती है.
उज्जैन से निकलती है कर्क रेखा
भारत में कर्क रेखा उज्जैन शहर से निकलती है. इसीलिए जयपुर के महाराजा जयसिंह द्वितीय ने यहां वैधशाला बनवाई है. जिसे जंतर-मंतर भी कहते हैं. इसका प्रयोग खगोल-शास्त्र के अध्ययन के लिए किया जाता है. यही वजह है कि इस स्थान को काल-गणना के लिए एकदम सटीक माना जाता है. अधिकतर हिन्दू पंचांग यहीं से निकलते हैं.