भारत में नदियों को लेकर इसलिए मशहूर है मध्य प्रदेश, फैक्ट्स जानकर रह जाएंगे हैरान
World Rivers Day: हर साल सिंतबर महीने के चौथे रविवार को विश्व नदी दिवस मनाया जाता है. इस साल ये 22 सितंबर को मनाया जा रहा है. ऐसे में इस खास दिन पर जानते हैं कि पूरे भारत में मध्य प्रदेश नदियों के लिए क्यों मशहूर है. जानिए कुछ इंटरेस्टिंग फैक्ट्स-
World Rivers Day 2024: पूरी दुनिया 22 सिंतबर को विश्व नदी दिवस मना रही है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों को नदियों के बचाव के प्रति जागरूक करना है. हर साल सितंबर महीने के चौथे रविवार को विश्व नदी दिवस मनाया जाता है. इस दिन पर जानते हैं कि मध्य प्रदेश को भारत में नदियों का मायका क्यों कहा जाता है.
विश्व नदी दिवस
प्रसिद्ध नदी संरक्षणवादी मार्क एंजेलो की कोशिशों के बाद साल 2005 में इंटरनेशनल लेवल पर 'विश्व नदी दिवस' मनाने की शुरुआत हुई थी. भारत में नदियों का विशेष महत्त्व है, क्योंकि यहां नदियों को मां का दर्जा दिया गया है. भारत में 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं. इन सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अलग-अलग नदियां प्रवाहित होती हैं. इनमें से मध्य प्रदेश राज्य को 'नदियों का मायका' का दर्जा प्राप्त हैं.
नदियों को लेकर इसलिए मशहूर है MP
पूरे भारत में मध्य प्रदेश 'नदियों का मायका' नाम से मशहूर है. यहां 20-30 नहीं, बल्कि 207 छोटी-बड़ी नदियों का प्रवाह होता है. साथ ही मध्य प्रदेश की धरती पर कई नदियों का उद्गम स्थल भी है. यही कारण है कि इस राज्य को नदियों का मायका का मायका कहा जाता है और पूरे देश में जाना जाता है.
नर्मदा नदी (Narmada River)
मध्य प्रदेश की जीवनदायिनी और प्रमुख नदियों में से एक नर्मदा नदी का उद्गम अनूपपुर जिले के अमरकंटक से हुआ है. नर्मदा नदी MP के अलावा महाराष्ट्र और गुजरात में भी बहती है. इसकी कुल लंबाई 1312 KM है, जिसमें से अकेले मध्य प्रदेश में ये 1077 KM किलोमीटर का सफर तय करती है.
चंबल नदी (Chambal River)
चंबल नदी भी प्रदेश की मुख्य नदियों में से एक है. यह नदी इंदौर जिले में महू की जानापाव पहाड़ियों में भादकला जलप्रपात से निकलती है. इसकी कुल लंबाई 1024 KM है. यह मध्य और उत्तरी भारत में यमुना नदी की एक सहायक नदी है.
ताप्ती नदी (Tapti River)
तापत्नी नदी मध्य प्रदेश के साथ-साथ महाराष्ट्र और गुजरात में भी बहती है. इसका उद्गम बैतूल जिले की काली सिंध पहाड़ी की चोटी मुलताई से हुआ है. ताप्ती नदी की कुल लंबाई 724 KM है, जिसमें से मध्य प्रदेश के हिस्से में 279 KM है. ताप्ती सूरत के निकट खंबात की खाड़ी में मिल जाती है.
बेतवा नदी (Betwa River)
मध्य प्रदेश की प्रमुख नदियों में से एक बेतवा नदी का उद्गम रायसेन जिले से हुआ है, रायसेन स्थित कुम्हारागांव से बेतवा नदी निकलती है और कल-कल कर उत्तर-पूर्व की ओर बहती है. इसे 'मध्य प्रदेश की गंगा' भी कहा जाता है. 'MP की अयोध्या' के नाम से मशहूर राजा राम की ओरछा नगरी भी बेतवा नदी के किनारे बसी हुई है. इस नदी की कुल लंबाई 480 KM है. इसमें से 380 KM सफर ये मध्य प्रदेश तय करती है. बेतवा उत्तरप्रदेश के हमीरपुर के निकट यमुना नदी में मिल जाती है.
सोन नदी (Son River)
सोन नदी का उद्गम भी अनूपपुर जिले के अमरकंटक से हुआ है. इसकी कुल लंबाई 780 KM है, जिसमें से मध्य प्रदेश में इसका 509 KM का सफर है.
भारत का हृदय है मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश देश के बिलकुल बीच में स्थित राज्य हैं. यहां भारत की पावन धरा का इतिहास जुड़ा हुआ है. संस्कृति, भूगोल सभी का समागम इस राज्य में देखने को मिलता है . ये एक ऐसा राज्य है जहां के लोग हर त्योहार और कल्चर में बसे हुए हैं इसलिए मध्य प्रदेश को देश का दिल कहते हैं. यहां कई ऐसी नदियां हैं, जो देश में पीने के पानी और खेत किसानों के लिए पानी की जरूरतों को पूरा करती है.