मध्य प्रदेश में लंबे अंतराल के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी की नई टीम बनी है. लेकिन मध्य प्रदेश में कांग्रेस की नई कार्यकारिणी पर कलह भी खूब हो रही है. एक तरफ पार्टी के सीनियर नेता ही इस कार्यकारिणी पर सवाल उठा रहे हैं तो दूसरी तरफ जिन नेताओं को पद दिया जा रहा है, वह पद लेने से ही इंकार करते नजर आ रहे हैं. मंगलवार की रात में कांग्रेस कार्यकारिणी की दूसरी सूची जारी हुई थी, लेकिन बुधवार सुबह ही पार्टी में सचिव बनाए गए अमन बजाज ने इस्तीफा दे दिया. इसके अलावा मोनू सक्सेना ने भी पद नहीं लेने की बात कही है. जिससे उपचुनावों के दौरान कांग्रेस की आपसी कलह खुलकर सामने आ रही है. 


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एमपी कांग्रेस की टीम में कलह 


दरअसल, दो दिन पहले मध्यप्रदेश कांग्रेस की कार्यकारिणी की लिस्ट सामने आई थी, तब भी कई नेताओं ने नाराजगी जताई थी. मंगलवार की रात को एक और लिस्ट जारी हुई. लेकिन इसमें भी कलह दिख रही है. कांग्रेस में सचिव बनाए गए अमन बजाज ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने लिखा कि वह सचिव पद से इस्तीफा देते हैं. इसके अलावा मोनू सक्सेना ने भी सचिव का पद लेने से इंकार करते हुए  सोशल मीडिया पर सार्वजनिक रूप से इस्तीफा लिखा है. मोनू सक्सेना ने लिखा 'आपकी तरफ से मुझे प्रदेश कांग्रेस में सचिव का महत्वपूर्ण पद मुझे दिया गया है, लेकिन आप से अनुरोध है कि मेरे प्रदेश सचिव स्थान पर किसी अन्य अनुभवी य युवा साथी को पदस्त कर पार्टी की विचार धारा को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करे.' 


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सीनियर नेता भी नाराज 


वहीं कांग्रेस के कई सीनियर नेता भी नई कार्यकारिणी से नाराज नजर आ रहे हैं. पूर्व नेता प्रतिपक्ष और पार्टी के सीनियर नेता अजय सिंह राहुल ने भी नई कार्यकारिणी पर सवाल खड़े किए थे. उनका कहना है कि जिन नेताओं की वजह से पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा था. अभी भी उन्हीं नेताओं का बोलबाला है और उन्हीं के समर्थकों को नई टीम में जगह दी जा रही है. इसके अलावा दिग्विजय सिंह के भाई और कार्यकारिणी में उपाध्यक्ष बनाए गए लक्ष्मण सिंह ने भी नई कार्यकारिणी पर सवाल उठाए थे. जबकि पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने भी अपने समर्थकों को जगह नहीं मिलने पर नाराजगी जताई थी. 


10 महीने के इंतजार के बाद आई है कार्यकारिणी 


दरअसल, विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद जीतू पटवारी को पार्टी का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था. लेकिन पीसीसी चीफ बनने के करीब 10 महीने बाद कांग्रेस की नई कार्यकारिणी का गठन हुआ है. लेकिन इस कार्यकारिणी से पार्टी के अंदर ही कलह दिख रही है. पहली लिस्ट के बाद भी इंदौर कांग्रेस के नेता प्रमोद टंडन ने भी इस्तीफा दिया था. जिस पर बीजेपी भी लगातार तंज कस रही है. 


मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कार्यकारिणी में अब तक उपाध्यक्ष, सचिव, संयुक्त सचिव और अन्य पदाधिकारी मिलाकर कुल 335 नेताओं के नाम शामिल हो चुके हैं. जिसमें पॉलिटिकल कमेटी में कई सीनियर नेताओं को भी शामिल किया गया है.


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