MP Politics: लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद आरएसएस और बीजेपी में तनातनी की खबरें सियासी गलियारों में खूब चली थी. आज से आरएसएस की भोपाल में अहम बैठक होने जा रही है. यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि इसमें बीजेपी के कई सीनियर नेता शामिल होंगे. जिसमें बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष, क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल और राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश भी शामिल होंगे. इसके अलावा सीएम मोहन और वीडी शर्मा भी इस बैठक में शामिल हो सकते हैं. बैठक से पहले भी सीएम मोहन यादव ने आरएसएस के कई वरिष्ट नेताओं से मुलाकात की थी. 


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RSS का मंथन


सूत्रों का कहना है कि यह दो दिन अहम है, क्योंकि बैठक में अलग-अलग 20 सत्र होंगे, जिसमें भविष्य में होने वाले कई कामकाजों की समीक्षा की जाएगी, जबकि भविष्य की रणनीतियों पर भी योजना तैयार होगी. इसके अलावा देश से जुड़े अन्य कई अहम मुद्दों पर भी मंथन होगा. सीएम मोहन यादव ने कल संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले से भी मुलाकात की थी. माना जा रहा है कि इस मुलाकात में प्रदेश में चल रही गतिविधियों के बारे में चर्चा हुई है. 


समन्वय की शुरुआत 


आरएसएस की बैठक की सबसे अहम बात यह है कि लोकसभा चुनावों के बाद यह पहली बैठक होगी जिसमें बीजेपी के राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी भी शामिल होंगे. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अब समन्वयय की शुरुआत होती दिख रही है. आरएसएस की बैठक में अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर हिस्सा लेंगे, इसके अलावा प्रांत प्रचारक और सह प्रचारक भी शामिल होंगे. यह बैठक साल में एक बार ही होती है. पिछले साल यह बैठक अमृतसर में हुई थी. 


एमपी पर फोकस 


आरएसएस का फोकस मध्य प्रदेश पर भी बना हुआ है. एक तरफ भोपाल में अहम बैठकों का दौर शुरू हो रहा है तो दूसरी तरफ इंदौर में भी बैठकें होगी. एमपी का मालवा प्रांत संघ की प्रयोग शाला कहा जाता है, जो पूरे मध्य भारत के भाग को कवर करता है. माना जा रहा है कि पहले यह बैठक उत्तर प्रदेश में होनी थी. लेकिन फिर इसे मध्य प्रदेश में शिफ्ट किया गया. आरएसएस साल में एक बार मालवा में अहम बैठक जरूर करता है. सियासी जानकार मानते हैं कि लोकसभा चुनाव के नतीजों में बीजेपी को सबसे ज्यादा फायदा देशभर में मध्य प्रदेश से ही हुआ है, जो यह स्पष्ट करता है कि एमपी में संघ की जड़े कितनी मजबूत है. ऐसे में एमपी से ही देश के अन्य राज्यों पर संघ ने फोकस की रणनीति बनाई है, जिसका काम आगे जाकर भविष्य में दिखाई दे सकता है. 


200 पदाधिकारियों का मंधन 


मध्य प्रदेश में होने वाली आरएसएस की बैठकों में कुल 200 पदाधिकारी शामिल होने वाले हैं, जिसमें दूसरे अन्य कार्यकर्ताओं की एंट्री पर रोक रहेगी. बैठक में संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले के नेतृत्व में मंथन होगा, इस बैठक में राष्ट्रीय संपर्क प्रमुख रामलाल भी शामिल होंगे. जबकि डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, प्रोफेसर, सीए, धर्माचार्य, समाजसेवी व प्रबुद्धजन सहित दस वर्ग के लोग भी बैठक में आएंगे. इसके अलावा बीजेपी के सीनियर नेताओं का शामिल होना भी राजनीतिक नजरिए से बहुत कुछ इशारा करता है. क्योंकि अगले साल बिहार, महाराष्ट्र और झारखंड जैसे अहम राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं, जबकि 2027 में यूपी समेत पांच राज्यों में भी चुनाव होंगे. ऐसे में संघ एमपी से भविष्य की रणनीतियों पर काम करता दिख रहा है. 


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