हरीश दिवेकर/भोपाल: गरीबों में घटिया चावल बांटने के मामले की जांच शिवराज सरकार आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) से कराएगी. सीएम शिवराज ने अधिकारियों के साथ बैठक के बाद यह निर्णय लिया है. बैठक में ईओडब्ल्यू के अधिकारियों को जांच करने के निर्देश सीएम ने दिए हैं. 


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दरअसल, घटिया चावल बांटने का मामला उजागर होने के बाद पीएमओ ने सरकार से मामले की पूरी जानकारी मांगी थी. जिस पर शिवराज सरकार अधिकारियों के साथ बैठक की थी. हालांकि इससे पहले सीएम ने FCI के साथ टीम बनाकर बालाघाट और मंडला में जांच कराई थी. जहां टीम ने 8 राइस मिलों को सील किया है. 


घटिया चावल मामलाः बालाघाट की 8 मिल सील, 10 और मिलों पर होगी कार्यवाही, FIR  के आदेश


क्या हुआ था पहले?
आपको बता दें की लॉकडाउन के दौरान केंद्र सरकार ने राज्यों से गरीबों को राशन वितरण करने के आदेश दिए थे. इसी को लेकर प्रदेश के मंडला और बालाघाट समेत सभी जिलों के गरीबों को चावल बांटे गए थे. मंडला और बालाघाट में हितग्राहियों ने घटिया चावल मिलने की शिकायत की थी. जिस पर केंद्र सरकार की जांच एजेंसी ने चावलों की गुणवत्ता की जांच की थी. जांच में पाया गया कि जो चावल गरीबों में बांटे गए थे वो जानवरों के खिलाने लायक थे.


विपक्ष हो गया था हमलावर
घोटाला सामने आने के बाद विपक्ष हमलावर हो गया था. इस मुद्दे पर बुधवार को दिनभर सियासत होती रही. इस पर कमलनाथ ने भी सरकार पर सवाल उठाए थे और दोषी अधिकारियों के सख्त सजा देने की मांग की थी. कांग्रेस के नेता भूपेंद्र गुप्ता ने शिवराज सरकार को क्रूर तक कह दिया था. जबकि इस मामले के उजागर होने पर खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ने मामले की जानकारी नहीं होना बता दिया था. 


घटिया चावल मामला: PMO ने शिवराज सरकार से जवाब तलब किया, मामले की पूरी जानकारी मांगी


घोटाले के बाद एक्शन मोड में आ गई थी सरकार
बुधवार को यह मुद्दा पूरे प्रदेश में छाया रहा. जिसके बाद शिवराज सरकार ने दोनों जिले में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की थी. वहीं पूरे प्रदेश में चावलों की जांच के लिए एफसीआई के साथ टीम गठित की थी. टीम ने रात में ही बालाघाट में कार्यवाही करके 8 मिलों को सील कर दिया था. जबकि 10 राइस मिलों के खिलाफ उसकी जांच जारी है. 


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