मनोज गोस्वामी/दतिया:  (Datia News) जिले के उनाव बालाजी में पहूज नदी के तट पर प्राचीन सूर्य मंदिर है. पूरे देश में अपनी मान्यता के कारण अलग पहचान रखता है. इस मंदिर की मान्यता है जो भी भक्त नदी में स्नान करके सूर्य देव को जल चढ़ाता है, ना सिर्फ उसका सूर्य प्रबल होता है. बल्कि व्यक्ति के शरीर में किसी भी तरह का चर्म रोग हो वह ठीक हो जाता है.


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प्रत्येक रविवार लाखों की संख्या में पूरे देश से श्रद्धालु इस मंदिर पर दर्शन करने के लिए आते हैं. मंदिर पर श्रद्धालु दान भी करते हैं. जिसके लिए मंदिर के बाहर पांच दानपात्र रखे गए हैं. अभी दो दिन पहले एक दानपात्र में श्रद्धालुओं द्वारा दानपात्र के ऊपर अगरबत्ती रखने से दान पात्र के अंदर धुंआ निकलने लगा था. जब मंदिर के पुजारियों ने उस में पानी डाला तब दानपात्र से धुआं निकलना बंद हुआ था. मौजूद पुजारियों द्वारा बताया गया प्राचीन सूर्य मंदिर जिला प्रशासन के अधीनस्थ है.


प्राचीन परंपरा के अनुसार दान पात्र से निकलने वाली राशि के 10 हिस्से होते हैं. जिसमें 2.25% जिला प्रशासन के खाते में जाता है. से 7:30 प्रतिशत मंदिर के पंडित पुजारी और सेवा कार्य में लगता है. मंदिर के पुजारियों का कहना है कि 10 माह पहले दान पात्रों को खोला गया था. तब से यह दानपात्र नगदी से छकाछक भरे हैं. प्रशासन को पत्र लिखा जा चुका है. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. जबकि इस दानपात्र में 2000 रुपये के नोट भी हो सकते हैं.


पूजारियों का कहना है कि रिजर्व बैंक द्वारा 2000 के नोट बंद के आदेश हो चुके हैं. यदि दान पात्रों को नहीं खोला गया तो 2000 रुपये के नोट रद्दी हो जाएंगे. पंडितों का यह भी कहना है कि भक्तों के दान से सूर्य भगवान की पूजा अर्चना और प्रसादी लगाते हैं, जो अब यहां के पंडित पुजारी जेब से लगा रहे हैं. इस मामले में यहां पंडितों ने आरोप लगाया है, जिसमें बैंक प्रशासन की बड़ी लापरवाही बताई जा रही है.


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