मनीष मक्कर/इंदौर: मध्य प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को सरकारी नौकरी में 27 प्रतिशत आरक्षण देने के मामले में हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए 27 प्रतिशत आरक्षण के हिसाब से भर्ती करने पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने सरकार को 27 प्रतिशत की जगह 14 प्रतिशत के हिसाब से भर्ती करने के लिए कहा है. अब कोर्ट के इस फैसले से मध्यप्रदेश के हजारों युवाओं की भर्तियों पर सवाल खड़ा हो गया है.


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दरअसल साल 2019 में तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए लोक सेवा आरक्षण संशोधन अधिनियम 2019 पारित किया था. इसमें सरकार ने ओबीसी को 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी कर दिया था. साल 2020-21 में व्यासायिक परीक्षा मंडल ने 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण को ध्यान में रखते हुए 6000 पदों पर पुलिस कांस्टेबल भर्ती जारी कर दी. परीक्षा के बाद व्यापमं ने 27 प्रतिशत के हिसाब से चयन सूची भी जारी कर दी थी.


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केवल 0.98 अंक  से पिछड़े
पुलिस कांस्टेबल भर्ती में 0.98 अंक के चलते चयन से चूके राहुल शर्मा ने कोर्ट में याचिका दायर करते हुए लोकसेवा आरक्षण संशोधन अधिनियम 2019 के संशोधनों को चुनौती दी थी. इसी मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बीते महीने 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी थी. इस स्थिति में फिलहाल 14 प्रतिशत अभ्यर्थियों को नियुक्ति दे दी जाएगी, वहीं बाकि 13 फीसदी अभ्यर्थियों का फैसला कोर्ट के निर्णय के बाद होगा.


कोर्ट के फैसले का क्या होगा असर?
कोर्ट के इस फैसले से 13 फीसदी ओबीसी कोटे में गई सीट सीधे अनारक्षिक कैटेगरी में चले जाएगी. जिसके बाद पूरी चयन प्रक्रिया की सूची बदल जाएगी. इसका असर ये होगा  कि कटऑफ भी चेंज हो जाएगा. असर ये होगा कि कई उम्मीदवार अंदर बाहर होंगे.