प्रमोद शर्मा/भोपाल: मध्य प्रदेश साइबर पुलिस (Madhya Pradesh Cyber Police) ने एमपी में नकली और जाली दस्तावेज़ों पर सबस्क्राइब किए गए 3 लाख से अधिक मोबाइल कनेक्शन्स को पकड़ा है. इन सभी सिम कार्ड का इस्तेमाल लोगों को ठगने और धमकाने के लिए किया जा रहा था. दरअसल, एमपी में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सिम कार्ड ऑपरेट कर साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों को लेकर दूरसंचार विभाग की जांच में एमपी में 3 लाख से ज्यादा फर्जी सिम कार्ड पकड़ाए. 


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साइबर पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी
बता दें कि प्रदेश में बढ़ते साइबर क्राइम के खतरे को रोकने के लिए मध्यप्रदेश साइबर पुलिस ने बड़ा एक्शन लिया है. नकली/जाली और अप्रामाणिक मोबाइल कनेकशन्स को मध्य प्रदेश राज्य में जाली गतिविधियों में संलग्न 3.37 लाख संदिग्ध मोबाइल कनेक्शनस को ट्रेक किया.  इसके बाद दूर संचार विभाग मध्य प्रदेश शिकायतों के आधार पर इन सभी सिम कार्ड का अलग-अलग तरीकों से ऑपरेटरों के इन कनेकशन्स की जांच की गई. जांच के दौरान यह सुनिश्चित किया गया कि ये सभी जाली कनेकशन्स है. जांच के बाद नकली/जाली दस्तावेज़ों पर जारी किए गए संदिग्ध सभी SIM की बिक्री में संलग्न पाए गए पॉइंट ऑफ सेल (POS) के विरुद्ध FIR दर्ज करने के निर्देश दिए गए.


ठगी के लिए सिम कार्ड यूज किए जा रहे थे
इस संबंध में अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए संदिग्ध नंबरों और पॉइंट ऑफ सेल (POS) के बारे में जानकारी साइबर क्राइम शाखा मप्र भोपाल को दी गई. मध्य प्रदेश साइबर पुलिस को जैसी ही इसकी खबर मिली वैसी ही पुलिस जांच में जुट गई. बता दें कि पकड़े गए सभी सिम का उपयोग साइबर क्राइम सहित अवैध गतिविधियों और लोगों को ठगने के लिए किया जा रहा था.


लगातार बढ़ रहे साइबर क्राइम के मामले
गौरतलब है कि इससे पहले एमपी साइबर सेल की रिपोर्ट पर दूरसंचार विभाग ने एक टेलीकाम कंपनी पर 01 लाख 83 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था. टेलीकाम कंपनी के खिलाफ यह कार्रवाई साइबर क्राइम पुलिस द्वारा फर्जी सिम कार्ड के बारे में बताने के बावजूद इन्‍हें ब्‍लॉक नहीं करने के लिए की गई थी.