Indore Mandir Accident Big Announcement : रामनवमी के दिन इंदौर में हुए बावड़ी हादसे के बाद प्रशासन ने बावड़ी ही नहीं पूरे मंदिर को ही ध्वस्त कर दिया था. मामा जी का आदेश आया और मंदिर पर बुलडोजर चल गया. अब महज 7 दिन बाद उसी जगह सीएम शिवराज सिंह (CM Shivraj Singh) ने दोबारा मंदिर बनाने की घोषणा कर दी है. इंदौर में बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर (Beleshwar Mahadev Jhulelal Mandir) में रामनवमी की पूजा के दौरान वहां बने कुंए की छत टूट गई थी, जिसमें 36 मोतें हो गई थी. इसे तोड़ने के आदेश आए तो लोगों ने जमकर विरोध किया, पर कार्रवाई कर दी गई. अब वहां दोबारा मंदिर बनाया जाएगा.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मध्य प्रदेश के इंदौर में बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में 30 मार्च को हुए हादसे में मरने वालों की संख्या 36 थी. राम नवमी के अवसर पर मंदिर में हवन चल रहा था. मंदिर परिसर में ही एक बावड़ी थी जिसे बंद कर दिया गया था, लेकिन उसे ठीक से भरा नहीं . इस कारण लोगों को पता तक नहीं था कि वहां बावड़ी है. उस दिन भक्तों की संख्या बढ़ी तो वजन से जमीन यानि बावड़ी की छत धंस गई. मंदिर के पुजारी ने बताया था कि पूर्णाहूति के बाद आरती होने वाली थी. उससे पहले ही ये हादसा हो गया. हादसे के बाद शहर ही नहीं देस के कोने कोने तक लोगों ने वो चीखें सुनी.


दरअसल इंदौर में बेलेश्वर महादेव मंदिर को गिराया तो उसे दोबारा बनाए जाने के लिए आंदोलन शुरू हो गया. उसी जमीन पर गुरुवार को हनुमान जयंती के दिन हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ किया गया और शिवराज सरकार पर दबाव बनाने की सफल कोशिश हुई. वहां के रहवासियों ने कहा था कि अगर बात नहीं मानी तो कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च निकालेंगे. रहवासियों ने एक संघर्ष समिति तक बना ली थी. एक ही दिन में इसका असर दिखा और सीएम ने इसे फिर से बनाने की घोषणा कर दी. 


नव नियुक्त शिक्षकों के लौटे सुहाने दिन, भोपाल में इस दिन होगी ट्रेनिंग


गुरूवार को मंदिर की जगह पर हनुमान चालीसा पाठ शुरू हुआ तो मामला गंभीर होता दिखाई दिया. भारी पुलिस बल की तैनाती की गई. विशेष जिला पुलिस बल के अफसरों को थाने की फोर्स के साथ तैनात किया गया. उस दिन हवन के दौरान मंदिर की बावड़ी में गिरने से 36 लोगों की मौत हुई तो हाहाकार मच गया. बावड़ी को करीब 40 साल पहले स्लैब डालकर ढांक दिया था.वही स्लैब टूटकर धंस गया और उसपर खड़े लोग अंदर गिरकर डूब गए. पहले तो आनन-फानन में मंदिर को सील किया. उसके बाद वहां से मूर्तियां हटाकर मंदिर का ढांचा जेसीबी से ढहा दिया.  अब इसी जगह पर फिर से मंदिर बनेगा