शैलेंद्र सिंह ठाकुर/बिलासपुर: डॉक्टरों की लापरवाही (bilaspur) का नतीजा 5 साल की मासूम को उठाना पड़ रहा है. जिस बच्ची को पैर के इलाज के लिए बच्ची को अस्पताल में भर्ती किया गया था, वहीं अब मासूम के हाथ काटने की नौबत आ गई है. डॉक्टरों ने गलत तरीके से नीडल (syringe)) लगाई है, अब इस वजह से अब बच्ची के हाथ में इंफेक्शन फैल गया है. 


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दरअसल ये पूरा मामला बिलासपुर के मध्य नगरी चौक स्थित शिशु भवन हॉस्पिटल का है. जहां पर बच्ची अपने पैर के इलाज के लिए भर्ती हुई थी. 


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डॉक्टरों की गंभीर लापरवाही
बच्ची के परिजनों ने मुख्य चिकित्सक अधिकारी से इस पूरे मामले की शिकायत की है. जिसमें पीड़ित परिवार ने शिकायत पत्र करते हुए लिखा कि इलाज के दौरान नीडल लगाने के बाद पूरे हाथ में इंजेक्शन फैल गया. जिससे हफ्ते भर बाद हाथ पूरी तरह काला हो गया. परिजनों ने डॉक्टर ड्यूटी में मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.


इंजेक्शन लगवाने से पहले ध्यान रखें ये बात
- सुई का दोबारा इस्तेमाल करने से बचाना चाहिए.
- इंजेक्शन लगवाने से पहले उसकी सील चेक करें
- खुली सील का इंजेक्शन और दवा न लें
- हमेशा नई सीरिंज का इस्तेमाल करें
- सबसे जरूरी सलाह कि आप इंजेक्‍शन लगाने के बाद चेक करें क‍ि कहीं आपके शरीर में क‍िसी तरह के बुरे प्रभाव तो नहीं पड़ रहे हैं. क‍िसी भी प्रकार के लक्षण नजर आने पर डॉक्‍टर से सलाह लें.