Madhya Pradesh News: विदिशा जिले के ग्यारसपुर में रविवार को आम जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ का मामला सामने आया है.  सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. मरीजों को एक्सपायरी डेट की दवा वितरित की जा रही है. 5 जनवरी 2024 दिन शुक्रवार को मरीज बाबू सिंह राजपूत को सीने में हो रहे दर्द को दिखाने के लिए ग्यारसपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे थे. जहां उपस्थित डॉक्टर ने उनका इलाज करते हुए दवा खाने की सलाह दी और पर्चे पर दवा लिख दी. वह हॉस्पिटल से उन दवाइयों को लेकर घर चले आए. 


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बाबू सिंह ने रात के समय एक खुराक खाई, लेकिन दर्द में कोई आराम नहीं मिला और सुबह दूसरी खुराक खाई तभी उनकी नजर दवाई के पत्ते पर लिखी एक्सपायरी डेट पर पड़ी तो वह हैरान रह गए. दवाई के पत्ते पर मैन्युफैक्चरिंग डेट अगस्त 2022 एवं एक्सपायरी अक्टूबर 2023 लिखी हुई थी. इसका बैच नंबर टीसी 2160096 है. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ योगेश तिवारी को अवगत कराया गया तो सीएमएचओ गोल-मोल जवाब देते नजर आए और एक्सपायरी डेट की दवाई के सवाल पर पल्ला झाड़ दिया. 


केमिकल से मिटा देते हैं डेट
यह सिस्टम क्यों फल-फूल रहा हैं? अब सवाल यह उठता है कि जब सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र द्वारा ही मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा.
दवाइयों की दिनांक एक्सपायर होने के बाद केमिकल से मिटा कर उनको फिर से स्टांप लिख देते हैं.


कचरे में मिलीं दवाएं
दूसरी ओर एक दिन पहले मध्यप्रदेश के ही बैतूल जिले के सरकारी अस्पताल में दवाइयां कचरे में पड़ी हुई मिली. स्वास्थ्य संबंधी सरकार द्वारा भेजी गई प्रचार प्रसार सामग्री और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रमों के आवेदन,दस्तावेजों के दर्जनों कार्टून बिना खोले कबाड़ में फेंक दिए गए है. परिवार नियोजन कार्यक्रम में आए निरोध के कई बक्से कबाड़ में पड़े हुए है. इतना ही नहीं बड़ी संख्या में इन निरोधों को जला भी दिया गया है.