Action On Female Judges: भोपाल। मध्यप्रदेश में 6 महिला सिविल जजों की सेवाएं प्रोबेशन पीरियड में ही समाप्त कर दी गई हैं. इस संबंध में आदेश जारी कर राजपत्र में प्रकाशन किया जा चुका है. इन जजों के कार्य और प्रोबेशन को देखते हुए मध्य प्रदेश की विधि और विधायी विभाग ने हाईकोर्ट की प्रशासनिक समिति और फुल कोर्ट की मीटिंग में सेवा समाप्ति के संबंध में सिफारिश की थी.


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सिफारिश में क्या कारण बताए गए 
मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों में पदस्थ 6 महिला जजों को बर्खास्त करने के लिए विधि और विधायी विभाग ने जो सिफारिश की थी उसमें प्रोबेशन पीरियड का निर्वहन और संतोषजनक और काम नहीं पाए जाने का हवाला दिया गया था. जिसे प्रशासनिक समिति और फुल कोर्ट की मीटिंग ने सही पाया और उन्हें बर्खास्त कर दिया.


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इन जजों की समाप्त की गई सेवाएं
अलग-अलग जिलों में पदस्थ जिन 6 महिला जजों की सेवा समाप्त कर उन्हें बरखास्त किया गया है उनकी सूची इस प्रकार हैं. इनमें उमरिया, रीवा, अंबेडकर नगर (इंदौर), मुरैना, टीकमगढ़, हरदा की जज शामिल हैं.


- न्यायिक सेवा के सदस्य द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश उमरिया कि सरिता चौधरी
- रीवा में परिवीक्षा पर पदस्थ द्वितीय दरबार न्यायाधीश कनिष्ठ खंड की रचना अतुलकर जोशी
- डॉक्टर अंबेडकर नगर इंदौर में पदस्थ प्रथम व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खंड प्रिया शर्मा
- मुरैना में पदस्थ पंचम अतिरिक्त व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खंड सोनाक्षी जोशी
- टीकमगढ़ में पदस्थ पंचम व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खंड अदिति कुमार शर्मा
- टिमरनी हरदा में पदस्थ व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खंडित ज्योति बरखड़े


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जानकारी के मुताबिक, बर्खास्त की गईं महिला जज प्रोबेशन पीरियड पर थी. महिला जजों की बर्खास्तगी की वजह परिवीक्षा अवधि का निर्वहन संतोषजनक और सफलतापूर्वक नहीं करना बताया जा रहा है. उनकी सेवा समाप्ति के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं. सेवा से पृथक करने के लिए शासन द्वारा अनुशंसा की गई थी.


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