कनीराम यादव/आगर मालवा: मध्यप्रदेश के आगर मालवा जिले में एक पिता की सूचना पर पुलिस ने नाबालिग बालिका का बाल विवाह रुकवाया है. जानकारी के अनुसार पति से अलग होकर मायके में रह रही लड़की की मां अपने परिजनों के साथ मिलकर बेटी का बाल विवाह करा रही थी. वहीं सूचना मिलने पर सुसनेर एसडीओपी पल्लवी शुक्ला, टीआई विजय सागरीय, नायब तहसीलदार सहित अन्य विभाग के अधिकारियों के साथ पहुंचे और पुलिस बल ने विवाह को रुकवा दिया.


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सुसनेर थाने के ग्राम मेहंदी का है यह पूरा मामला 
अचानक पुलिस को देख परिजनों ने नाबालिग बच्ची को छिपा दिया और लड़की की मां पुलिस को बरगलाने के लिए खुद का विवाह होने का स्वांग करने लगी, लेकिन पुलिस की सूझबूझ से की गई पूछताछ में मामले का खुलासा हो गया और बाल विवाह को रोककर परिजनों को समझाइश दी गई. जिस पर वे बाल विवाह नहीं करने को राजी हो गए. बता दें कि सुसनेर थाने के ग्राम मेहंदी का यह पूरा मामला है.



 


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मामले को लेकर पुलिस ने बताया कि बच्ची के पिता ने शिकायत की थी कि उसकी 12 साल की बच्ची का बाल विवाह उसकी मां, नानी और मामा द्वारा जिले के मेहंदी गांव में कराया जा रहा है. जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और संबंधित विभाग के अधिकारियों को भी बुला लिया गया. जिसके बाद उन्होंने परिजनों को समझाया कि बालिका का बाल विवाह नहीं करवाना चाहिए. वहीं पुलिस के समझाने के बाद परिजन ने बालिका की शादी नहीं कराई. गौरतलब है कि वर्तमान परिदृश्य में भारत में लड़की और लड़के की शादी की कानूनी उम्र क्रमश: 18 और 21 साल है. वहीं, बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत 21 साल से कम उम्र के लड़के और 18 साल से कम उम्र की लड़की की शादी पर रोक है.