MP Election 2023 में AIMIM की एंट्री, ओवैसी ने बनाई सात सदस्यीय कोर कमेटी, कांग्रेस की बढ़ी चिंता!
AIMIM MP Election 2023: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में अब कुछ ही महीनों का समय बचा हुआ है. ऐसे में बड़ी खबर ये सामने आ रही है कि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलमीन(AIMIM) भी विधानसभा चुनाव लड़ने का मन बना ली है.
AIMIM MP Election 2023: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में अब कुछ ही महीनों का समय बचा हुआ है. बीजेपी-कांग्रेस तो तैयारी कर रही है, आम आदमी पार्टी भी चुनाव मैदान में उतरने का मन बना चुकी है. वहीं अब बड़ी खबर ये आ रही है कि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलमीन भी मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ेगी. इसके लिए बकायदा असदुद्दीन ओवैसी ने मध्यप्रदेश में सात सदस्यों की कोर कमेटी बनाई है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हाल में मध्यप्रदेश से एक दल हैदराबाद गया था. जहां ओवैसी के मुलाकात के दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि एमपी चुनाव नजदीक हैं, आप लोग सभी तैयारी में जुट जाएं. माना जा रहा है कि अब AIMIM कई जिलों में अपने उम्मीदवार खड़ा करेगी.
एमपी में फिलहात 7 पार्षद
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलमीन(AIMIM) मध्यप्रदेश में फिलहाल 7 पार्षद है. जिसमें से दो जबलपुर से हैं. ऐसे में ओवैसी की निहाह जबलपुर की मुस्लिम बहुल वोटर वाली सीट पर रहेगी यानी पूर्व और उत्तर. हालांकि अभी इन दोनों सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है.
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कहां खड़े कर सकती है अपने उम्मीदवार?
AIMIM का फोकस मुस्लिम बहुल इलाकों वाली सीटों पर हो सकता है. इसके लिए वो इंदौर, भोपाल, उज्जैन, खंडवा, सागर, बुरहानपुर, खरगोन, रतलाम, जावरा, जबलपुर, बालाघाट, बड़वानी और मंदसौर में अपने प्रत्याशी उतार सकती हैं.
चुनाव के लिए बनाई 7 सदस्यीय कोर कमेटी
बता दें कि असदुद्दीन ओवैसी ने चुनाव के मद्देनजर एमपी में 7 सदस्यों की कोर कमेटी बनाई है. ये चुनावों से जुड़ी हर खबर ओवैसी को देंगे. उसके बाद अंतिम फैसला औवेसी का ही होगा. ओवैसी ने जिन 7 लोगों को कोर कमेटी में शामिल किया है, उनमें बुरहानपुर से एडवोकेट सोहेल हाशमी, भोपाल से ताहिर अनवर, खंडवा से मोहम्मद उमर, इंदौर से मोहम्मद असलम, दमोह से इकबाल खान और बड़वानी सेंधवा से हारून शेरी है.
कांग्रेस के लिए साबित हो सकती है सिर दर्द
अगर ओवैसी की पार्टी विधानसभा चुनाव 2023 में उतरती है तो कांग्रेस के लिए ये बड़ा सिर दर्द साबित हो सकती है. मध्य प्रदेश की चुनावी राजनीति में अब तक प्रमुख मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच होता रहा है. हालांकि इससे पहले बीएसपी, एसपी और कई अन्य छोटे दल निकाय चुनावों में अपनी किस्मत आजमा चुके हैं, लेकिन उन्हें खास सफलता नहीं मिली. यदि ओवैसी की पार्टी अपने उम्मीदवार उतारती है तो कांग्रेस के एक बड़े वोट बैंक में सेंध लग सकती है.