Bhopal: चेंजिंग रूम में हाफ पेंट में घुस आते हैं डॉक्टर, 52 नर्सों का आरोप- बलात्कार की कोशिश भी की गई
हमीदिया अस्पताल भोपाल के अधीक्षक डॉ. दीपक मरावी पर नर्सों ने अश्लीलता और धमकाने के गंभीर आरोप लगाए हैं. एक साथ 50 नर्सों ने बलात्कार की कोशिश का आरोप भी लगाया है.
प्रमोद शर्मा/भोपाल: हमीदिया अस्पताल भोपाल के अधीक्षक डॉ. दीपक मरावी पर नर्सों ने अश्लीलता और धमकाने के गंभीर आरोप लगाए हैं. हमीदिया अस्पताल में कार्यरत 50 से ज्यादा पीड़ित नर्सों ने इस मामले की लिखित शिकायत चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से की है, मंत्री सारंग ने घटना को संज्ञान में लेते हुए इस मामले की जांच स्वास्थ्य विभाग के संभाग आयुक्त गुलशन बामरा को सौंप दी है. इस पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है.
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बता दें कि कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष संगीता शर्मा ने महिला अपराध को लेकर शिवराज सरकार को घेरा है. संगीता शर्मा ने अधीक्षक को तत्काल हटाने की मांग करते हुए कहा कि दीपक मरावी को गंभीर आरोपों के बावजूद बचाने की कोशिश की जा रही है. इसके साथ ही भाजपा के महिला सशक्तिकरण पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जांच के 10 दिन में नर्सों को और प्रताड़ना झेलनी पड़ेगी. दीपक मरावी को तत्काल हटाया जाए.
नर्सों ने लगाए गंभीर आरोप
नर्सों ने आरोप लगाया है कि डॉ. मरावी कभी उनकी छुट्टी मंजूर करते समय, कभी जॉइनिंग के दौरान अपने चेंबर में बुलाकर गंदे तरीके से छूते हैं और गंदी बातें करते हैं. नर्सों की तरफ से दिए आवेदन में डॉ. दीपक मरावी रात के वक्त शराब के नशे में हाफ पेंट पहनकर नर्सो के चेंजिंग रूम में बिना दरवाजा खटखटाए घुसकर अश्लील हरकत करने का आरोप भी लगा है. लेटर में कहा गया है कि डॉ. मरावी ने हाल ही में अपने चेंबर में एक नर्स के साथ बलात्कार करने का प्रयास किया है. इसके अलावा जब नर्स ने इसका विरोध किया तो डॉ मरावी ने धमकाया और कहा कि मेरा कुछ नहीं होने वाला, क्योंकि मुझे मुख्यमंत्री ने अधीक्षक बनाया है. मैं तेरी नौकरी खा जाऊंगा और कहीं जीने लायक नहीं छोड़ूंगा.
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10 दिन के अंदर रिपोर्ट दें- मंत्री
वहीं इस मामले में नर्सों की शिकायत पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि उन्हें शिकायत मिली है और भोपाल के संभागीय आयुक्त गुलशन बामरा को 10 दिनों के भीतर जांच और रिपोर्ट देने को कहा है. सारंग ने कहा, ''मैंने संभागीय आयुक्त से कहा है कि यह जांच अस्पताल के बाहर के किसी प्रशासनिक अधिकारी से कराएं और उसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.