Amarwara By Poll: मध्य प्रदेश में एक तरफ विधानसभा मानसून सत्र में सियासी पारा हाई है तो दूसरी तरफ अमरवाड़ा उपचुनाव का प्रचार इसे और धार दे रहा है. अब अमरवाड़ा के सियासी रण में कमलनाथ की भी एंट्री हो रही है. जिससे सियासी उबाल आने की पूरी संभावना है. क्योंकि अमरवाड़ा में पहली बार कमलनाथ और पीसीसी चीफ जीतू पटवारी की जोड़ी प्रचार करती हुई नजर आएंगी. अब तक जीतू पटवारी ही अकेले प्रचार में जुटेंगे. लेकिन अब कमलनाथ कांग्रेस प्रत्याशी धीरेन शाह इनवाती के समर्थन में सभा करेंगे. कमलनाथ अगले कुछ दिनों तक लगातार यहां प्रचार करेंगे. 


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आंचलकुंड से होगी प्रचार की शुरुआत 


पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के साथ 2 से 5 जुलाई तक अमरवाड़ा उपचुनाव में प्रचार करेंगे. कमलनाथ सबसे पहले जीतू पटवारी के साथ दोपहर 12 बजे आंचलकुंड पहुंचेंगे और यहां से दर्शन के बाद प्रचार की शुरुआत करेंगे. कमलनाथ दिनभर प्रचार करेंगे. इस दौरान कमलनाथ कार्यकर्ताओं के साथ बैठक भी करेंगे. खास बात यह है कि अब तक नाथ परिवार पूरी तरह से उपचुनाव से दूर था. लेकिन अब कमलनाथ के अलावा पूर्व सांसद नकुलनाथ भी चार जुलाई से प्रचार में जुटेंगे. जिससे माना जा रहा है कि पूरा नाथ परिवार अब अमरवाड़ा के रण में एक्टिव होगा. जिससे यहां कांग्रेस के प्रचार को धार मिलेगी. 


अरमवाड़ा में प्रचार तेज 


अमरवाड़ा उपचुनाव के लिए 10 जुलाई को वोटिंग होनी है, ऐसे में अब प्रचार में केवल आठ दिन का ही समय बचा है. ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी ने यहां प्रचार तेज कर दिया है. कांग्रेस की तरफ से भी सभी बड़े नेता एक्टिव हो चुके हैं तो बीजेपी की तरफ से सीएम मोहन यादव की एक सभा हो चुकी है. माना जा रहा है कि सीएम मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी यहां आने वाले दिनों में प्रचार में जुटेंगे. वहीं कांग्रेस की तरफ से पीसीसी चीफ जीतू पटवारी भी लगातार तीन दिन तक अमरवाड़ा में प्रचार कर चुके हैं. 


दिल्ली नहीं जाने के दिए संकेत 


बता दें कि कमलनाथ सोमवार को सबसे पहले भोपाल पहुंचे और उन्होंने विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लिया. इस दौरान जब उनसे दिल्ली की राजनीति में एक्टिव होने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वह दिल्ली नहीं जा रहे हैं. बल्कि वह अमरवाड़ा उपचुनाव में प्रचार में जुटेंगे. दरअसल, लोकसभा चुनाव के परिणामों के बाद से अब तक कमलनाथ राजनीतिक तौर पर ज्यादा एक्टिव नहीं दिखे थे. 


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