डॉ.फरहत खान की एक और विवादित किताब मिली, ब्राह्मण, ठाकुर और गुर्जरों पर लिखीं ये बातें...
इंदौर के लॉ कॉलेज में हिंदू विरोधी बातें किताब में छपी होने की बात वाला मामला अभी ठंडा नहीं हुआ है कि कॉलेज की लाइब्रेरी में डॉ फरहत खान की एक और विवादास्पद किताब मिली है. इसका नाम ``महिलाएं व आपराधिक विधि`` है.
पुष्पेंद्र वैघ/इंदौर: इंदौर के लॉ कॉलेज में हिंदू विरोधी बातें किताब में छपी होने की बात वाला मामला अभी ठंडा नहीं हुआ है कि कॉलेज की लाइब्रेरी में डॉ फरहत खान की एक और विवादास्पद किताब मिली है. इसका नाम ''महिलाएं व आपराधिक विधि'' है. इस किताब को इलाहाबाद के सेंट्रल लॉ पब्लिकेशंस ने प्रकाशित की है. इस पुस्तक में हिंदू धर्म, हिंदू महिलाओं सहित सनातन धर्म के बारे में आपत्तिजनक बातें हैं.
इस पुस्तक में लिखा गया है कि भारत में हिंदुओं और मुसलमानों के लगभग एक हजार वर्ष पुराने संपर्क के फलस्वरूप दोनों ने एक-दूसरे को प्रभावित किया है. इस्लाम छुआछूत, जाति-प्रजाति का विरोधी है, परंतु भारतीयकरण के फलस्वरूप भारत के मुसलमानों में भी जाति प्रथा का प्रवेश हो गया.
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कन्या भ्रूण हत्या के बारे में लिखा
इतना ही नहीं इस मिली किताब में कन्या भ्रूण हत्या पर लेखिका ने लिखा है कि ब्राह्मण, ठाकुर और गुर्जरों इस काम को ज्यादा करते हैं. वे ही अब कन्या भ्रूण हत्या के परिणाम भी भुगत रहे हैं और उनके बच्चों की शादी नहीं हो रही. इसके अलावा भी कई और विवादास्पद बातें किताब में शामिल की गईं हैं. वहीं कमेटी के ढुलमुल रवैए को देखते हुए विद्यार्थी परिषद मामले की मजिस्ट्रियल जांच की मांग कर रहा है. वहीं इस मामले में अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है।
हिंदू विरोधी किताब भी मिली थी
गौरतलब है कि बीते दिनों इसी लॉ कॉलेज में ''सामूहिक हिंसा एवं दाण्डिक न्याय पद्धति'' नाम की एक किताब में हिंदू विरोधी बातें छपी होने की बात सामने आई थी. इस किताब की लेखक डॉ. फरहत खान है. जिसे अमर लॉ पब्लिकेशन ने छापा था. इस किताब में सीधे तौर पर हिंदू और हिंदू संगठनों की आतंकवादियों से तुलना की गई है. इस किताब के पाठ 5 में लिखा है. सांप्रदायिक हिंसा के प्रमुख कारणों में हिंदू सांप्रदायिकता एक प्रमुख कारण है. इस किताब के अनुसार हिंदू संप्रदायवाद विध्वंस कारी विचारधारा के रूप में उभर रहा है.