Arvind Kejriwal In MP Election: मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2023) का माहौल पूरी तरह से देखने को मिल रहा है. हाल ही में पेश हुआ बजट भी चुनावी बजट की ही तरह आन जनता को लुभाने वाला ही कहा जा सकता है. इस बीच बीजेपी कांग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी (AAP) में प्रदेश में जड़ें बनाने में जुटी है. मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बीच अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) का फोकस दोबारा एमपी चुनाव पर आ गया है. वो इसी माह सिंधिया के गढ़ ग्वालियर (Gwalior) से चुनावी प्रचार का आगाज करने जा रहे हैं. इस दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी ताल ठोकने के लिए उनके साथ रहेंगे.


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 आप ने बढ़ाई सक्रियता
आम आदमी पार्टी ने इस साल होने वाले एमपी विधानसभा चुनाव के लिए अपनी सक्रियता बढ़ाने जा रही है. बीते दिनों में आप प्रमुख केजरीवाल ने कहा था कि अगर आप की सरकार एमपी में बनी तो पंजाब और दिल्ली की तरह वहां भी सुविधाएं देंगें. जिसको लेकर के आगामी 16 मार्च को पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान हुंकार भरेंगे. आप ने एक बार फिर एक बार एलान किया है कि वो एमपी की सभी 230 विधानसभा सीटों पर चुनाव लडे़गी.


मनीष सिसोदिया गिरफ्तारी
आज आप ने एलान किया है कि वो एमपी की सभी 230 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. लेकिन पार्टी के मजबूत स्तंभ और दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम की गिरफ्तारी ने पार्टी की परेशानियां बढ़ा दी है. उन्हें शराब घोटाले में गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. ऐसे में अब देखने वाली बात होगी की आप इन परेशानियों से कैसे निकलकर एमपी विधानसभा चुनाव पर फोकस करती है.


भगवंत मान और शाह की मुलाकात
आम आदमी पार्टी दावा कर रही है कि एमपी में हमारी सरकार बनी तो प्रदेश की स्थिति बेहतर हो जाएगी. लेकिन बीते दिनों पंजाब में खालिस्तान की मांग की गई और ये मांग करने वाले अमृत पाल सिंह और पुलिस कर्मियों में काफी झड़प के साथ तलवार बाजी हुई साथ ही साथ हाथों में बंदूक भी देखी गई. जिसमें छह पुलिस कर्मी घायल हो गए जिसके बाद राज्य की मौजूदा आप सरकार पर लोग निशाना साधने लगे. बिगड़ती हुई कानून व्यवस्था को लेकर सूबे के मुखिया गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करके राज्य की कानून व्यवस्था के बारे में चर्चा करेंगे.


नगर निकाय चुनाव में आप
एमपी विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी बड़े - बड़े दावे कर रही है. बीते दिनों में हुए एमपी के नगर निकाय चुनाव में आम आदमी की रानी अग्रवाल ने सिंगरौली से जीत हासिल की और मेयर थी. लेकिन लोगों का कहना है कि रानी की सियासी जमीन अच्छी थी. आप  दिल्ली और पंजाब की तरह सुविधाएं एमपी में भी देने की भी बात कर रही है लेकिन एमपी राज्य दोनों राज्यों को मिला दें तो भी उससे काफी बड़ा है. अगर हम दिल्ली से एमपी की तुलना करें तो एमपी की जनसंख्या छ: गुनी अधिक है ऐसे में आप के वादे पर थोड़ा संशय होना लाजमी है. ये मात्र चुनावी लॉलीपॉप नजर आ रही है.