Madhya Pradesh News/राहुल राठौर: एक ओर हरियाणा के नूंह समेत देश के कई हिस्सों में सांप्रदायिक हिंसा (Nuh Hinsa) का माहौल देखने को मिला है, दूसरी ओर महाकाल की नगरी नगर उज्जैन (Ujjain Mahakaleshwar) में एक मुस्लिम ऑटो ड्राइवर ने हिंदू दर्शनार्थी की मदद कर मानवता की मिसाल पेश की है. राजस्थान के कोटा से 2 श्रद्धालु 60 दर्शनार्थियों को लेकर धार्मिक यात्रा पर निकले हुए हैं. बुधवार को दोनों सभी दर्शनार्थियों के साथ महाकाल की नगरी पहुंचे और निर्मल अखाड़ा में ठहरे. दोनों श्रद्धालुओं ने निर्मल अखाड़ा से गोपाल मंदिर जाने के लिए ऑटो किया.  जैसे ही दोनों गोपाल मंदिर पहुंचे तो ऑटो में बैग भूल गए.


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बैग पर कुछ देर बाद ऑटो चालक अफजल की नजर पड़ी और खोल कर देखा तो उसमें नकदी और कुछ रसीद कट्टे रखे हुए थे. अफजल बैग को लेकर परिजन के पास पहुंचा और परिजन के माध्यम से श्रद्धालुओं से संपर्क किया. इसके बाद मात्र 2 घंटे के भीतर बैग को सुरक्षित श्रद्धालुओं तक पहुंचा दिया. धार्मिक नगरी में हर रोज बड़ी संख्या में दर्शनार्थी पहुंचते हैं. कोई ऑटो से यात्रा करता है कोई ई रिक्शा तो कोई निजी वाहन से ऐसे में अफजल का ये कदम सराहनीय माना जा रहा है.


इस तरह लगाया पता
समाज को धार्मीक नगरी से एक खास संदेश दे रहा है कि आज भी इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं हैं. ऑटो चालक की उम्र लगभग 60 साल है. उनका नाम मोहम्मद अफजल है. अफजल कई सालों से ऑटो चला रहे हैं. अफजल ने बताया, 'मैंने श्रद्धालुओं को निर्मल अखाड़ा मुरलीपुरा से गोपाल मंदिर के लिए ऑटो में बैठाया था. दोनों श्रद्धालु गोपाल मंदिर उतरे और बैग ऑटो में भूल गए. बैग में रखी रसीद पर लिखे नंबर पर हमने कॉल किया तो श्रद्धालु से संपर्क हुआ.'


किसका था बैग?
बैग धन्ना लाल पिता राम चन्द्र अहीर निवासी कोटा के रामगंजमंडी स्थिति गांव रिछि के रहने वालों का था. धन्ना लाल अपने साथी के साथ 60 लोगों को लेकर धार्मिक यात्रा पर निकले हैं. सुबह महाकाल बाबा के दर्शन किए अब ओंकारेश्वर के लिए रवाना हो गए हैं. धन्ना लाल ने बताया कि बैग में 2 लाख से अधिक श्रद्धालुओं का पैसा था, जो ऑटो में भूल गए थे. 2 हजार रु ऑटो चालक को इनाम के तौर पर दिए, लेकिन ऑटो चालक ने मना कर दिया.