भोपाल: आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को निजी अस्पताल में बेहतर इलाज दिलाने के लिए पीएम मोदी ने आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की, लेकिन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में निजी अस्पतालों ने इसे कमाई का जरिया बना लिया है. यहां कागजों में मरीजों का इलाज किया गया और सरकार से आयुष्मान भारत योजना के तहत पैसे ले लिए गए.


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420 के तहत मामला दर्ज
शुरुआती शिकायत के बाद आयुष्मान भारत विभाग की जांच में फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई. इसके बाद विभाग ने क्राइम ब्रांच को मामला सौंप दिया. क्राइम ब्रांच ने निजी अस्पताल संचालक डॉक्टर विवेक परिहार के खिलाफ 420 के तहत किया धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. बता दें डॉक्टर विवेक परिहार भोपाल की वैष्णो मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल के संचालक हैं.


12 मरीजों के नाम पर निकाले करीब 2.50 करोड़
क्राइम ब्रांच के एडिशनल DCP शैलेंद्र चौहान ने बताया आयुष्मान भारत एमपी की तरफ से मिली शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया है. आयुष्मान भारत की जांच में फर्जी मरीजों का इलाज कर ढ़ाई करोड़ क्लेम किये थे. 12 मरीजों के नाम पर अस्पताल ने करीब पौने दो करोड़ निकाल भी लिए. फिलहाल मामले की और जांच की जा रही है. जैसे तथ्य सामने आएंगे उस हिसाब से कार्रवाई की जाएगी.


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