MP Assembly Election 2023: मालवा क्षेत्र में आने वाली धार जिले बदनावर विधानसभा सीट मध्य प्रदेश की सबसे चर्चित विधानसभा सीटों में से एक है. यह सीट 3 साल पहले उस वक्त काफी चर्चा में आ गई जब यहां 3 बार के विधायक राजवर्धन सिंह दत्तीगांव सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आ गए. यह एक सीट ऐसी सीट है, जो कभी एक पार्टी का गढ़ नहीं रही. यहां कभी भाजपा को जीत मिली तो कभी कांग्रेस को. यहां 1977 से अब तक 11 बार चुनाव हो चुके हैं, जिसमें 5 बार कांग्रेस और 5 बार भाजपा को जीत मिली है, जबकि एक बार जनता पार्टी को मिला है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आखिरी चुनाव की बात करें तो भाजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे राजवर्धन सिंह ने कांग्रेस के कद्दावर नेता कमल सिंह पटेल को 32,133 वोटों से हराया था. दत्तीगांव को 99,137, जबकि पटेल को 67,004 वोट मिले थे. 2020 में बदनावर में कुल 57.90 प्रतिशत वोटिंग हुई थी. इस चुनाव में तीसरा नंबर नोटा को रहा था. नोटा पर 2,785 वोट पड़े थे. 


विधानसभा सीट का इतिहास
बदनावर विधानसभा के सियासी इतिहास पर नजर डालें तो इस सीट पर हर बार कांग्रेस और बीजेपी के बीच बराबर की टक्कर रही है. 1990 के चुनाव में कांग्रेस के प्रेम सिंह दौलत सिंह ने जीत हासिल की. इसके बाद 1993 में  बीजेपी के टिकट पर रमेशचंद्र सिंह राठौड़ जीत कर विधायक बने. 1998 में भी यह सीट बीजेपी के पास ही रही. 2003 के चुनाव में राजवर्धन सिंह दत्तीगांव ने कांग्रेस के टिकट पर लड़ते हुए जीत हासिल की. दत्तीगांव ने 2008 में जीत बरकरार रखी. हालांकि 2013 के चुनाव बीजेपी के भंवर सिंह शेखावत ने राजवर्धन सिंह को शिकस्त दी. 2018 के चुनाव में राजवर्धन सिंह कांग्रेस पर चुनाव जीते. फिर 2020 के उपचुनाव में बीजेपी के टिकट पर भी वह चुनाव जीत गए.


जातिगत समीकरण और वोटर्स को आंकड़े
बदनावर विधानसभा सीट पर वोटर्स के आंकड़ों की बात करें तो यहां कुल मतदाताओं की संख्या 2 लाख से ऊपर है. एक लाख से ज्यादा पुरुष और 1 लाख से कुछ कम महिलाएं हैं. यहां पर मुख्य रूप से वोटों की राजनीति के मामले में जातिगत समीकरण महत्वपूर्ण होते हैं. बदनावर विधानसभा राजपूत और पाटीदार समाज के मतदाताओं की अच्छी संख्या. ऐसे में जो वर्ग जिस नेता के साथ चल पड़ता है उसके लिए राह आसान होती है.