Divya Darbar of Hanumant Das: मध्य प्रदेश के छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम (bageshwar dham) के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ( dhirendra krishna shastri) अपने दिव्य दरबार (divya darbar) के चलते इन दिनों पूरी दुनिया में छाए हुए हैं. शायद ही कोई ऐसा हो जो इनको जानता हो, वहीं इन दिनों एक और बाबा के दिव्य दरबार लगाने की बात सामने आ रही है. जो ठीक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की तरह ही बिना कुछ बोले पर्चे पर समस्या और उसका समाधान लिख देते हैं. 


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एक-एक कर बताते हैं सबका नाम
दरअसल यह दरबार गुना जिले के राघौगढ़ मंशापूर्ण हनुमान धाम के हनुमंत दास का है. जिनका दरबार हालंही में राजगढ़ जिले के जीरापुर के रामगढ़ में लगा था. दैनिक भास्कर में छपी रिपोर्ट के मुताबिक राजगढ़ जिले के रामगढ़ जिले के रामगढ़ के पास मंदिर परिसर में लगे टेंट के भीतर करीब 400 लोग बैठे थे. जहां 29 वर्षीय भगवंत दास हाथ में गदा लेकर जैसे ही कार से उतरते हैं चारों तरफ बाबाजी की जय गूंज उठता है. हनुमंत दास के सीता-राम बोलते ही पंडाल में बैठे लग जयकारे लगाते हुए तालियां बजानी शुरू कर देते हैं. इतना ही नहीं ये बाबा आंखे बंद कर मंत्रोच्चार करते हैं और एक एक करके सभी व्यक्तियों का नाम लेने लगते हैं. 


जानिए कहां लगा है दरबार
बता दें कि इन दिनों राजगढ़ से 50 किलोमीटर की दूरी पर जूनापानी में मंदिर परिसर में यह दिव्य दरबार लगा है. यहां पर आस पास के जिलो सहित सीमावर्ती राजस्थान के लोग भी अपनी पीड़ा को लेकर आए थे. बाबा यहां सभी को कहते हैं कि आप लोग राम नाम का जाप करते हुए अपनी अर्जी हनुमान जी को सुनाते रहें. आपकी अर्जी हनुमान जी तक पहुंचेगी.  5 मिनट बाद बाबा हनुमंत दास अपने सीने को टच करते हैं और फिर माइक थाम लेते हैं. वे अपने साइड में रखें पेन और पर्ची को उठाकर लिखने लगते हैं. पर्चा लिखने के बाद वे भक्तों को वहां पहुंचे भक्त के परिवार वालों के बारे में पूरी जानकारी बताने लगते हैं. हनुमंत दास अपने दरबार में कहते हैं कि शर्माओं नहीं बताओ, आज बोलोगे तभी 101 फीसदी सही होगा. 


जानिए कौन है दिव्य दरबार लगाने वाला बाबा
दरअसल बागेश्वरधाम की तरह दिव्य दरबार लगाने वाले ये बाबा गुना जिले के राघौगढ़ जिले के रहने वाले हनुमंत दास सोनिल हैं. इनके परिवार में माता-पिता के अलावा दो भाई और एक बहन है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बाबा भगवंत दास ने बीए तक पढ़ाई की है. वे बचपन से ही भक्ति भाव का काम करते थे. 4 से 5 साल से पूरी तरह से हनुमान जी की भक्ति में लीन हैं. इसके पहले राघौगढ़ के मंशापूर्ण हनुमान मंदिर पर दिव्य दरबार लगा था. अब यह  राजगढ़ जिले के जीरापुर के रामगढ़ में दरबार लगाया है.


दिव्य शक्ति को लेकर कही ये बात
जब हनुमंत दास से उनके शक्तियों के बारे में पूछा गया तो वे बोले कि उनके अंदर कोई दिव्य शक्ति नहीं है. सब कुछ हनुमान जी महाराज की कृपा से होती है. उन्होनें कहा कि न हमारे पास कोई दिव्य शक्ति है  दिव्य चीज, यह सिर्फ हनुमान जी की प्रेरणा और श्रीराम का आशीर्वाद है, जिससे हम पंडाल में बैठे किसी व्यक्ति को बुला लेते हैं. 


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