Bhai dooj puja 2022: पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज का पर्व मनाया जाता है. इस साल दिवाली का पर्व 24 अक्टूबर को मनाया जा रहा है. इसके बाद गोवर्धन पूजा और फिर 26 अक्टूबर 2022 को भाई दूज का पर्व मनाया जाएगा. इस साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि 26 अक्टूबर को दोपहर से शुरू हो रही है जो 27 अक्टूबर की दोपहर को खत्म  हो रही है. ऐसे में इस बार 26 और 27 दोनों ही दिन भाई दूज का पर्व मनाया जा रहा है, लेकिन 26 अक्टूबर को मनाना ज्यादा अच्छा माना जा रहा है. 


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भाई दूज के ये नाम नहीं सुने होंगे
भाई दूज का त्यौहार पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है. हालांकि हर क्षेत्र में इस त्यौहार को अलग अलग तरीके से मनाया जाता है. अलग अलग जगह भाई दूज के अलग अलग नाम हैं. उत्तर भारत में यह भैया दूज के नाम से भी जाना जाता है. बंगाल में इसे भाई फोटा कहते हैं वहीं नेपाल में इसे भाई टीका कहते हैं. चाहे जिस भी नाम से यह त्यौहार मनाया जाए पर यह भाई बहन के बीच प्यार को दर्शाता है . 


क्या है इसकी पौराणिक कथा 
यमुना और यमराज भाई बहन थे . यमुना अपने भाई यमराज को खाने का न्योता देती थीं पर यमराज हमेशा टाल देते थे. एक बार उनकी बहन ने जिद कर उनसे वचन ले लिया की वे खाने पर जरूर आएंगे. यमराज सोच में पड़ गए कि मैं तो लोगों के प्राण लेता हूं और मुझे कोई घर भी नहीं बुलाना चाहता फिर भी मेरी बहन मुझे बुला रही है. यमराज अपनी बहन के घर पहुंचे. यमुना ने नहा धोकर अपने भाई का आदर सत्कार किया. उन्हें तिलक लगाया और प्यार से खाना भी खिलाया. यह देखकर यमराज खुश हो गए और उन्होंने यमुना को कुछ मांगने को कहा. यमुना ने कहा "भैया इस दिन जो भी बहन अपने भाई को घर बुलाकर, आदर सत्कार के साथ टिका करके भोजन करवाएगी उसे आपका डर नहीं होगा." तब से कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को  भाई दूज मनाया जाता है.


भाई दूज शुभ मुहूर्त 
इस साल यानि 2022 में भाईदूज 26 अक्टूबर को पड़ रहा है. इस दिन दोपहर दोपहर 01 बजकर 12 मिनट से 03 बजकर 27 मिनट तक भाइयों को टीका करने का सबसे शुभ मुहूर्त है.  


भाई दूज पूजा विधि 
भाई दूज मनाने की सभी जगह अलग अलग परंपरा और रीति-रिवाज है. लेकिन कथाओं और पुराणों के अनुसार जो विधि विधान है कि भाई और बहन सुबह उठकर स्नान करें और नए कपड़े पहन लें . बहन भाई को बिठाकर उसकी आरती उतारे और हाथ में कलावा यानि लाल रंग का धागा बांध नारियल दें . उसके बाद उसे खाना खिलाएं और इस दिन भाई अपनी बहन को कुछ भेंट करें .घर के बाहर यम के नाम से  दिया भी जलाए.