प्रदीप शर्मा/भिंड: बिजली विभाग में चल रही आउटसोर्स कर्मचारियों की हड़ताल का असर अब दिखाई देने लगा है. एक ओर विभाग के सामने कर्मचारी धरने पर बैठे हैं तो दूसरी ओर कई इलाकों में ट्रांसफार्मर फूकने से लाइट गुल होने के चलते ग्रामीण धरना दे रहे है. विद्युत विभाग के सामने दो-दो धरनों का नजारा मेहगांव बिजली विभाग के ऑफिस पर देखने को मिला. जहां पर आउटसोर्स कर्मचारी धरने पर बैठकर विभाग और सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहै है तो दूसरी ओर सोनी गांव के किसान बीते 15 दिन से ट्रांसफार्मर फूंकने के कारण लाइट नहीं होने से बिजली विभाग ऑफिस पर ट्रांसफार्मर की मांग को लेकर धरना दे रहे है.


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अब धरने की जानकारी मिलते ही बिजली विभाग के असिस्टेंट इंजीनियर (AE) ने फोन कर पुलिस के अधिकारियों को बुलाकर धरने पर बैठे ग्रामीणों को समझाइश दिलाई और धरने को समाप्त कराया. वहीं धरने पर बैठे बिजली कर्मचारियों का आरोप है कि बिजली विभाग के अधिकारी आउटसोर्स कर्मचारियों पर हड़ताल समाप्त करने का लगातार दबाव बना रहे हैं. बिजली समस्या को लेकर ऑफिस पर आये हायर सेकेंडरी पास लोगों को बिजली विभाग में लाइनमैन की नौकरी देने का झांसा देकर दस्तावेज लाने को कह रहे हैं.


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13 सूत्रीय मांग को लेकर अड़े
बिजली विभाग के आउट सोर्स कर्मचारियों का कहना है कि अगर अनुभवहीन बिना डिप्लोमा धारी किसी भी व्यक्ति को लाइनमैन की नौकरी देते हैं और कई दुर्घटना हो जाती है तो इसका कौन जिम्मेदार और जवाबदार होगा? हालांकि बिजली विभाग के आउट सोर्स कर्मचारी अपनी 13 सूत्री मांगों को लेकर अड़े हुए हैं और सरकार भी कोई हल नहीं निकाल पा रही है. आने वाले दिनों में अगर धरना ओर लंबा चलता है तो आम जनता को बड़े बिजली संकट से दो-चार होना पड़ेगा. 


एक मात्र बाबू के हवाले सब स्टेशन
आपको बता दें सैकड़ों कर्मचारियों द्वारा काम करने वाला मेहगांव बिजली विभाग सब स्टेशन आज की तारीख में एक मात्र बाबू के हवाले हैं. इलाके में जगह-जगह विद्युत सप्लाई बाधित होने के चलते उपभोक्ताओं के आक्रोश को देखते हुए बिजली विभाग के अधिकारी ऑफिस आने में कतरा रहे है और आम जनों के फोन भी रिसीव नहीं कर रही है. जिसके चलते आम लोग बिजली संकट से जूझ रहे है.