मध्य प्रदेश के भिंड जिले में पिछले दिनों सड़कों पर लगे कुछ पोस्टर जमकर चर्चा में थे. क्योंकि इन पोस्टरों में एक युवा नेता को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिए जाने की बधाइयां दी जा रही थी. युवक का नाम मनोज कुमार श्रीवास था. जिनके समर्थक उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिलने की बधाई दे रहे थे. खास बात यह है कि मनोज खुद को जिस आयोग का अध्यक्ष बनने का दावा कर रहा था, वह आयोग ही नहीं था. ऐसे में जब मामले की जांच हुई तो पूरा मामला सामने आया. जिसके बाद नेताजी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है. 


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भिंड जिले में वायरल हुए थे पोस्टर 


दरअसल, सोशल मीडिया पर मध्य प्रदेश सामान्य प्रशासन विभाग में पदस्थ IAS शेलवाला मार्टिन के नाम से आदेश सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. जिसमें मध्य प्रदेश सरकार द्वारा मनोज सिंह श्रीवास को मध्य प्रदेश राज्य राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग और दिव्यांगजन वित्त और विकास निगम में कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्रदान करने का आदेश था. जिसके बाद उनके समर्थकों ने पूरे शहर में बैनर और होर्डिंग्स लगवा दिए. लेकिन जब स्थानीय भाजपा नेताओं ने मामले की शिकायत कलेक्टर से की तो इसका खुलासा हुआ. बीजेपी नेताओं की शिकायत पर जब भिंड कलेक्टर संजीव  श्रीवास्तव ने संज्ञान लेते हुए जांच कराई. जांच के बाद कलेक्टर ने आदेश को फर्जी बताया साथ ही भिंड पुलिस अधीक्षक को FIR दर्ज कराने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद  गोहद थाना में मनोज श्रीवास के खिलाफ अपराधिक धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.


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मनोज श्रीवास ने दी सफाई 


वहीं मामले में अब मनोज श्रीवास सफाई देते नजर आ रहे हैं. उन्होंने सीएमओ में तैनात अफसर का नाम लिया साथ ही उसने यह भी कहा कि लेटर पोस्ट के जरिए भेजा है. लेकिन पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. खास बात यह है कि पोस्टर में बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर को केंद्रीय मंत्री बताया गया है, जबकि वह अभी मंत्री नहीं है. इसके अलावा पोस्टर में सीएम मोहन यादव समेत बीजेपी के कई सीनियर नेताओं की फोटो लगाई गई थी. 


पहले भी सामने आया था ऐसा ही मामला


बता दें कि यह पहला मामला नहीं है, कुछ दिन पहले भी तथाकथित युवक की गाड़ी की तलाशी के दौरान, गाड़ी पर हूटर और मानव अधिकार प्रदेश संगठन अध्यक्ष मध्य प्रदेश शासन की नेम प्लेट भी लगा रखी थी. जिस पर बीते दिनों चालानी कार्रवाई भी की गई थी. वहीं मामले में बीजेपी के कई नेताओं का कहना है कि मनोज श्रीवास को लेकर संगठन स्तर पर भी जानकारी पता कर ली गई है. वह संगठन में किसी पद पर नहीं है. ऐसे में फर्जी मंत्री के खिलाफ अब असली कार्रवाई शुरू हो गई है. 


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भिंड से प्रदीप शर्मा की रिपोर्ट


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