प्रदीप शर्मा/भिण्ड- भिंड जिले में मानवता को शर्मसार करने वाली 2 दिन के अंदर दो तस्वीरें सामने आई है. जहां बारिश के चलते अपनों का अंतिम संस्कार मुक्तिधाम ना होने के चलते एक जगह त्रिपाल लगाकर तो दूसरी जगह पाइप और टीन के तख्ते लगाकर किया गया.


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दरअसल भिण्ड जिले के गौहद क्षेत्र के ग्राम पंचायत बाराहेड के ग्राम मानपुरा में अंतिम संस्कार के लिए तिरपाल लगाने के बाद एक वृद्ध महिला का अंतिम संस्कार हो सका. वहीं दूसरी ओर भिंड से कुछ भी दूर पर बसें चौकी गांव में 21 अगस्त को एक व्यक्ति का अंतिम संस्कार पाइप और टीन के तख्ते लगाकर करना पड़ा.


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तिरपाल लगाकर हुआ अंतिम संस्कार
बता दें कि मंगलवार को मानपुरा गांव निवासी वृद्ध महिला कैलाशी बाई का निधन हो गया तो उनके परिजन उनका अंतिम संस्कार करने के लिए शमसान घाट पर ले गए. बारिश लगातार होने की वजह से तथा गांव से शमसान घाट तक रास्ता न होने के कारण परिजन मृतक की डेडबॉडी को लगभग 500 मीटर दूर कीचड़ में ले गए. जहां शमसान घाट पर टीनशेड न होने की वजह से परिजनों को तिरपाल ऊपर तान कर खड़े होकर अंतिम संस्कार करना पड़ा.


शर्मसार होती रही सरकार
सरकार की तमाम पंच परमेश्वर तथा मनरेगा जैसी योजनाओं में सरकार लाखों रुपये खर्च करती है. लेकिन अधिकारियों जनप्रतिनिधियों की सांठगांठ से भृष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है. आज भी कई गांव ऐसे है, जहां आज तक न तो शमशान घाट पर टीनशेड लगाया है न ही वहां तक पहुंचने के लिए रोड है. कुछ माह पहले भी अजमेर गांव से शमशान ना होने के चलते सड़क पर अंतिम संस्कार करने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी. तब भिंड कलेक्टर ने सचिव को निलंबित कर तत्काल श्मशान बनाने के आदेश जारी किए थे और जिले के सभी ग्राम पंचायतों में नवंबर तक मुक्तिधाम निर्माण करवाने के निर्देश दिए थे. लेकिन शासन के आदेश की धज्जियां निचले स्तर पर किस प्रकार बनाई जाती है. इसकी यह बानगी एक बार फिर बरसात के चलते फिर सामने आ गई है. 


1 नवंबर तक बनेंगे मुक्तिधाम
जिला पंचायत सीईओ जेके जैन का कहना हैं कि आने वाले 1 नवंबर तक सभी ग्रामों में मुक्तिधाम बन जाएंगे और आज सामने आए इन दोनों मामलों में जांच कराई जा कर के दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.