भोपाल में डरा रहा डेंगू, मिले 60 नए केस, घरों में मिल रहा लार्वा, सावधानी बरतने की सलाह
Dengue alert in bhopal: भोपाल में डेंगू के मामलों में तेजी देखने को मिली है. जुलाई में 60 नए केस सामने आने से डेंगू एक बार फिर डरा रहा है.
Bhopal News: भोपाल में डेंगू का कहर बढ़ने लगा है. डेंगू से संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है. राजधानी भोपाल में अकेले जुलाई महीने में 60 से अधिक नए मामले देखने को मिले हैं. भोपाल में जनवरी से जून तक के महीनें में लगभग 54 मामले सामने आए हैं, लेकिन जुलाई में एक दम से नए केस बढ़ गए. भोपाल से अब तक 128 मामले सामने आ चुके हैं. बता दें अब तक 3,421 लोगों ने डेंगू का टेस्ट कराया है.
9 हजार से ज्यादा घरों में मिला लार्वा
डेंगू के बढ़ते मामलों को लेकर जांच भी तेज कर दी गई है. भोपाल में जांच के दौरान 9,483 घरों में लार्वा पाया गया है. शहर के चूना भट्टी, बीमा कुंज, कोलार, साकेत नगर और नूर महल के स्थानों से सबसे ज्यादा लार्वा देखने को मिला है. इसके अलावा, इस साल चिकनगुनिया के 456 टेस्ट किए गए. जिनमें से 23 टेस्ट पॉजिटिव आए हैं. मलेरिया के लिए इस साल 2 लाख से अधिक टेस्ट किए गए हैं. जिनमें से 9 मामलों में मलेरिया पॉजिटिव पाया गया है.
डॉक्टर की सलाह
जिला मलेरिया अधिकारी अखिलेश दुबे ने लोगों को सलाह देते हुए सावधानी बरतने की अपील की है. उन्होंने कहा कई बार जब हम गमलों में पानी डालते हैं, तो पानी गमले के ऊपर तक भर जाता है. इस स्थिति में, गमलों में लार्वा (मच्छर के अंडे) पैदा हो सकते हैं. जो बाद में मच्छर बन सकते हैं. छतों पर पड़े कबाड़ जैसे पुरानी बर्तन या वस्त्र, भी लार्वा के पनपने के कारण हो सकते हैं. अगर आपने मनी प्लांट या किसी अन्य पौधे को गमले में लगा रखा है तो याद रखें कि हर सात दिन में गमले का पानी बदलना जरूरी है. उन्होंने डेंगू होने पर चिंता नहीं करने की सलाह दी. डेंगू की पुष्टि के लिए आप जेपी अस्पताल, बैरागढ़ सिविल अस्पताल, जीएमसी, बीएमचआरसी और एम्स में टेस्ट करा सकते हैं. इन टेस्ट से डेंगू का सही पता लगाया जा सकता है.
डेंगू के लक्षण
डेंगू के लक्षणों में बहुत तेज़ बुखार होता है. ये 105 डिग्री फारेनहाइट तक पहुंच सकता है. रोगी को जी मिचलाना और उल्टी की समस्या भी हो सकती है. साथ ही मांसपेशियों और जोड़ों में गहरा दर्द महसूस होता है. सिरदर्द भी काफी गंभीर होता है और सरदर्द भी अक्सर आंखों के पीछे के हिस्से में दर्द के साथ होता है. इन लक्षणों के अलावा, रोगी को अत्यधिक थकान का अनुभव भी हो सकता है. डेंगू (dengue) की जांच के लिए एनएस 1 टेस्ट किया जाता है, जिसके आधार पर डॉक्टर तय करते हैं कि मरीज को डेंगू है या नहीं.
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डेंगी मच्छर
डेंगू एक गंभीर बीमारी है. जो मुख्य रूप से मच्छरों के काटने से फैलती है. डेंगू मच्छर दिन के समय एक्टिव होते हैं और बारिश के मौसम में तेजी से फैलते हैं. डेंगू मच्छर ज्यादातर साफ पानी में पनपते हैं. ये मच्छर छतों पर लगे पानी की टंकी, गमलों में जमा पानी, कूलर के पानी और बाल्टियों और घड़ों में भरे पानी से पनपते हैं.
बचाव के उपाय
डेंगू से प्रभावित व्यक्ति को अधिक से अधिक तरल पदार्थ दें. जैसे पानी, जूस, या सुप. गिलोई के पत्ते भी डेंगू में उपयोगी हो सकते हैं क्योंकि यह शरीर को ताकत प्रदान करते हैं. पपीते के पत्ते के रस को भी डेंगू के मरीज को दिया जा सकता है. बताया जाता है कि बकरी के दूध और कीवी से जल्दी आराम आता है.
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