Bhopal News: इस्लाम नगर के बाद बरखेड़ा पठानी का हुआ नया नामकरण, अब इस नेता के नाम से जाना जाएगा भोपाल का ये इलाका
Bhopal News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh)में बीते दिनों से नाम बदलने का सिलसिला चल रहा है. हाल में ही इस्लाम नगर का नाम बदला गया था. राजधानी भोपाल का भी नाम बदलने की मांग हो रही है. इसी बीच बरखेड़ा पठानी (Barkheda Pathani) का नाम बदलकर देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री (Former PM Lal Bahadur Shastri) के नाम पर रखा गया है.
Bhopal News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh)में बीते दिनों से नाम बदलने का सिलसिला चल रहा है. हाल में ही इस्लाम नगर का नाम बदला गया था. राजधानी भोपाल का भी नाम बदलने की मांग हो रही है. इसी बीच बरखेड़ा पठानी (Barkheda Pathani) का नाम बदलकर देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री (Former PM Lal Bahadur Shastri) के नाम पर रखा गया है.
पहले भी बदले गए हैं नाम
एमपी में बीते दिनों से नाम बदलने की प्रक्रिया लगातार चल रही है. बीते दिन शिवराज सरकार ने हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति रेलवे स्टेशन कर दिया था. इसके अलावा इस्लाम नगर का नाम बदलकर जगदीशपुर कर दिया था. साथ ही साथ सीहोर जिले से सटे नसरूल्लागंज का नाम बदलकर भैरुंदा कर दिया था. बता दें कि इसे लेकर सरकार ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया था.
बदलेंगे ये नाम
बता दें कि एमपी में बीते दिनों से राजधानी भोपाल का भी नाम बदलने की मांग हो रही है. इसके अलावा बताया जा रहा है कि जिस बरखेड़ा पठानी का नाम बदला गया उसमें एशबाग स्टेडियम का नाम बदलकर चिकित्सा मंत्री विश्वास सांरग के पिता और पूर्व सांसद कैलाश सांरग के नाम पर रखने का प्रस्ताव भी पारित हुआ था. लेकिन कांग्रेस पार्षदों ने इसका विरोध किया था और किसी खिलाड़ी के नाम पर स्टेडियम का नाम रखने की मांग की थी.
साथ ही साथ जहांगीराबाद पुल का नाम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के नाम पर रखने का प्रस्ताव पारित हुआ था और सुल्तानिया इन्फेंट्री लाइंस की सड़क का नाम शहीद ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के नाम पर रखने के फैसले पर लोगों ने अपनी सहमति दी थी. इसके अलावा बता दें कि राजधानी के ऐतिहासिक मिंटो हाल का नाम खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कुशाभाऊ ठाकरे हॉल कर दिया था.
बता दें कि शिवराज सरकार इन दिनों नाम बदलो अभियान के तहत इन दिनों ऐतिहासिक स्थलों, इमारतों, कस्बों, मोहल्लों के नाम बदलने का सिलसिला तेजी से जारी है. जिसका सबसे ज्यादा असर राजधानी भोपाल में नजर आ रहा है. यहां पर कई नाम बदले गए हैं.